नई दिल्ली: चीन में कोविड-19 के कारण बिगड़ते हालात की वजह से भारत का कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर ‘वेट एंड वॉच’ के मोड में है. उद्योग को आशंका है कि अगर जनवरी अंत में चीनी नववर्ष की छुट्टियों के साथ महामारी का कहर और बढ़ा तो आपूर्ति बाधित हो सकती है, जिससे उपभोक्ताओं के लिए टीवी, एसी और फ्रिज अधिक महंगे हो जाएंगे.
कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड अप्लायंसेज मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सीईएएमए) के अध्यक्ष एरिक ब्रैगैंजा के मुताबिक, ‘कोविड के मामले और भी ज्यादा बढ़ने से बड़ी बाधा उत्पन्न हो सकती है. यह कुछ ऐसा है जो बेहद अप्रत्याशित है…चीन में कोविड की स्थिति एक बड़ा मुद्दा बनने जा रही है. यदि इसमें और वृद्धि हुई तो सप्लाई चेन प्रभावित होने की आशंका है. क्योंकि 21 जनवरी से, चीन अपने नववर्ष के मौके पर एक तरह से लॉकडाउन मोड में चला जाता है और फरवरी के पहले सप्ताह के आसपास ही फिर प्रभावी ढंग से खुलता है.’
ब्रैगेंजा हायर अप्लायंसेज इंडिया के भी अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा कि अगर जनवरी में सप्लाई चेन में बाधा आती है, तो उद्योग को फरवरी के अंत और मार्च में यानी गर्मियों से ठीक पहले दिक्कत होगी, जो कि आमतौर पर इस क्षेत्र में मजबूत बिक्री का मौसम होता है.
ब्लौपंकट, थॉमसन, कोडक और व्हाइट-वेस्टिंगहाउस जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों का ब्रांडिंग लाइसेंस रखने वाली सुपर प्लास्ट्रोनिक्स के निदेशक और सीईओ अवनीत सिंह मारवाह ने भी कुछ इसी तरह की राय जाहिर करते हुए कहा, ‘चीन में कोविड की मौजूदा स्थिति को देखते हुए हमें जनवरी के बाद आपूर्ति प्रतिबंधों की आशंका है, और शिपमेंट में किसी भी देरी का नतीजा उत्पादों की कमी के तौर पर सामने आ सकता है. नतीजतन, अधिकांश ब्रांड कच्चे माल का स्टॉक कर रहे हैं. इसका व्यापक असर फरवरी में ही सामने आएगा.’
उन्होंने आगे कहा कि कंपनी कंपोनेंट्स को स्टॉक करने पर फोकस कर रही है. उन्होंने कहा, ‘आम तौर पर त्योहारों के बाद एक सुस्ती वाली अवधि होती है, लेकिन हम स्थिति पर गौर कर रहे थे. हमने खरीदारी जारी रखी और अपना न्यूनतम स्टॉक लेवल बढ़ाया. अधिकांश कंपनियां अप्रत्याशित स्थितियों के कारण अपने न्यूनतम स्टॉक को दोगुना बढ़ाने में लगी हैं.’
गोदरेज अप्लायंसेज के बिजनेस हेड और एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसीडेंट कमल नंदी ने कहा कि उनकी फर्म को अभी तक चीन की तरफ से शिपमेंट में कोई बाधा नहीं आई है—मार्च वाली तिमाही के लिए आवश्यक अधिकांश कच्चा माल और कंपोनेंट या तो आ चुके हैं या रास्ते में हैं.
नंदी ने कहा, ‘हमें यह देखना होगा कि चीनी त्योहारों के मौसम के बाद स्थिति कैसी रहती है, जो फरवरी के शुरू में खत्म होता है. अगर कोविड की स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं हुआ तो उद्योग को जून तिमाही में एसी उत्पादन पर इसका असर देखने को मिल सकता है.’
ब्रैगेंजा ने आगे कहा कि कच्चे माल की लागत फिलहाल तो स्थिर है. ‘लेकिन सप्लाई चेन प्रभावित होने से आपको कीमतों में वृद्धि देखने को मिल सकती है.’ उन्होंने कहा कि उद्योग को रूस-यूक्रेन जंग के कारण किसी नई बाधा की आशंका नहीं है लेकिन चीन में कोविड की स्थिति तात्कालिक चिंता का विषय बनी हुई है.
यह भी पढ़ें: क्यों साल 2023 में ‘गिग इकॉनमी’ को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए तैयार हो रहे हैं स्टार्ट-अप
स्थितियां सामान्य रहने पर वृद्धि की उम्मीद
ब्रैगेंजा के मुताबिक, हालांकि यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि कोविड के कारण अनिश्चितता के बीच 2023 कैसे बीतेगा. अगर फरवरी के अंत तक चीजें सामान्य हो जाती हैं तो कंज्यूमर ड्यूरेबल्स उद्योग में अच्छी वृद्धि हो सकती है. काफी ज्यादा गर्मी पड़ने के पूर्वानुमान को देखते हुए कूलिंग प्रोडक्ट—एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, कूलर और पंखे आदि—की डिमांड बढ़ने की उम्मीद है.
2022 में भी कंज्यूमर ड्यूरेबल सेल्स में इसी तरह कूलिंग प्रोडक्ट्स का ही ट्रेंड था. सीईएएमए के मुताबिक, इस दौरान जहां एयर कंडीशनर की बिक्री में करीब 40 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई, वहीं वाशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर और टेलीविजन जैसे अन्य उत्पादों में 8-12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.
ब्रैगेंजा ने कहा कि कंज्यूमर ड्यूरेबल्स उद्योग लगभग 90,000 करोड़ रुपये का है और 2025 तक यह आंकड़ा बढ़कर 1,50,000 करोड़ रुपये हो जाने की उम्मीद है.
नंदी ने कहा कि दो साल के सन्नाटे के बाद 2022 की गर्मियों में कूलिंग प्रोडक्ट की अधिक मांग देखी गई, और फिर त्योहारी सीजन आया, जिसमें उपभोक्ताओं ने अपने उपकरणों को अपग्रेड किया और खरीदारी की, जो कि उन्होंने काफी समय से टाल रखी थी.
उन्होंने कहा, ‘हालांकि, महंगाई ने बड़े पैमाने पर उपभोक्ताओं की भावना को प्रभावित किया, प्रीमियम सेगमेंट में उछाल नजर आया. हमने सभी भौगोलिक क्षेत्रों और चैनलों में बड़े पैमाने पर प्रीमियम सेगमेंट में वृद्धि देखी. गोदरेज अप्लायंसेज के प्रीमियम सेगमेंट में वित्त वर्ष 2019-2020 की महामारी पूर्व अवधि की तुलना में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है; यह वृद्धि इस उद्योग में नजर आ रहे ट्रेंड के अनुरूप ही है.’
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 23-24 में उद्योग के 10-15 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है और गोदरेज अप्लायंसेज इस अवधि में 20 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहा है, खासकर प्रीमियम सेगमेंट में.
(अनुवाद: रावी द्विवेदी | संपादन: आशा शाह)
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: चेन्नई सबसे तेजी से बढ़ता स्टार्टअप हब है, पुणे और हैदराबाद भी पीछे नहीं