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मंगलवार, 1 जुलाई, 2025
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छत्तीसगढ़ को मिले 1.25 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव

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रायपुर, एक जुलाई (भाषा) छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मंगलवार को आयोजित हुए उद्योग संवाद-दो में राज्य को 1.25 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि रायपुर के एक होटल में आज ‘उद्योग संवाद-दो’ का आयोजन किया गया। इस दौरान निवेशकों ने राज्य में 1.25 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया।

उन्होंने बताया कि यह निवेश अब पारंपरिक खनन क्षेत्र तक सीमित नहीं, बल्कि आईटी, सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य सेवा, हरित ऊर्जा और लॉजिस्टिक्स जैसे भविष्य के क्षेत्रों में केंद्रित है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ संभावनाओं की भूमि है तथा राज्य सरकार बस्तर जैसे दूरस्थ क्षेत्रों को भी विकास की मुख्यधारा में ला रही है।

साय ने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ अब सिर्फ खनिजों की धरती नहीं, संभावनाओं की भूमि है। हम बस्तर जैसे दूरस्थ क्षेत्रों को भी विकास की मुख्यधारा में ला रहे हैं। आज निवेशकों को स्थायित्व, सुरक्षा और तेज फैसले मिल रहे हैं। यही वजह है कि निवेशकों का रुझान न केवल शहरी क्षेत्रों, बल्कि बस्तर और सरगुजा जैसे आदिवासी अंचलों की ओर भी बढ़ा है।’’

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ आज देश के सबसे तेजी से उभरते औद्योगिक गंतव्यों में शामिल हो चुका है। बीते डेढ़ साल में राज्य को जहां 5.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, वहीं आज रायपुर में आयोजित कार्यक्रम से यह यह साफ हो गया है कि छत्तीसगढ़ निवेशकों का नया भरोसेमंद ठिकाना बन गया है।

साय ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लागू नई औद्योगिक नीति-2025 ने छत्तीसगढ़ को निवेश का स्वाभाविक गंतव्य बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है। नीति में एकल खिड़की प्रणाली 2.0, 350 से अधिक सुधार, तेजी से जमीन का आवंटन, स्वत: मंजूरी प्रक्रिया, थर्ड जेंडर, पुनर्वासित नक्सली, महिला और एससी-एसटी उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन जैसे प्रावधान शामिल हैं। इन सुधारों से राज्य में ‘कारोबार सुगमता को तेजी से कारोबार’ में बदल दिया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि नई औद्योगिक नीति-2025 के अंतर्गत, छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में रायपुर के नजदीक राज्य का पहला विशेष आर्थिक क्षेत्र घोषित किया है, जो आईटी, फार्मास्युटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण जैसे क्षेत्रों में विशेष ध्यान देगा। यह क्षेत्र कारोबार शुरू करने के लिए तैयार बुनियादी ढांचे, रियायती दरों पर भूमि, और तेज प्रशासनिक अनुमति प्रणाली से सुसज्जित होगा। इसके माध्यम से विदेशी निवेश को भी आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है, जो राज्य के निर्यात आधारित औद्योगिक मॉडल को मजबूत करेगा।

उन्होंने बताया कि नवा रायपुर में शुरू हुई 11 हजार करोड़ की सेमीकंडक्टर इकाई और एआई आधारित डेटा केंद्र पार्क इस बदलाव की स्पष्ट मिसाल हैं। पॉलीमैटेक इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा स्थापित यह इकाई 2030 तक हर साल 10 अरब चिप का उत्पादन करेगी। साथ ही रैकबैंक द्वारा 150 मेगावाट क्षमता का डेटा सेंटर भी बन रहा है, जिससे दो हजार से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। राज्य का लक्ष्य अब सिर्फ रोजगार सृजन नहीं, बल्कि युवाओं को तकनीकी कौशल से लैस कर चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए तैयार करना है।

अधिकारियों ने बताया कि आज हुए संवाद के दौरान निवेशकों को जानकारी दी गई कि राज्य सरकार ने पर्यटन को औद्योगिक दर्जा दिया है, जिससे बस्तर और सरगुजा जैसी प्राकृतिक व सांस्कृतिक विरासत वाले क्षेत्रों में पर्यटन के जरिये आर्थिक वृद्धि को नया आधार मिला है। नवा रायपुर में दो सौ एकड़ की मेडिकल सिटी और 142 एकड़ का फार्मा हब भी तैयार किया जा रहा है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं, निवेश और रोजगार को नई रफ्तार मिलेगी।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 30 जून को ‘राज्य लॉजिस्टिक नीति-2025’ को भी मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक हब बनाना है। यह नीति खासतौर पर बस्तर और सरगुजा जैसे आदिवासी जिलों में लॉजिस्टिक हब, शीत भंडारण, ट्रांसपोर्ट सेंटर और एयर कार्गो सुविधाएं विकसित करने पर केंद्रित है।

भाषा संजीव मनीषा अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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