नई दिल्ली: भारत में सबसे तेजी से बढ़ते स्टार्टअप हब के रूप में उबर रहा है चेन्नई. एक नई रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले आठ वर्षों यानी 2014 से 2022 के वर्षों में अगर नजर डालें तो 300 से अधिक की डील इस दौरान हुई है.
डील काउंट का तात्पर्य निवेशकों के साथ संपन्न हुए कुल सौदों से है.
स्टार्टअप सूचना मंच Inc42 द्वारा सोमवार को जारी ‘इंडियन टेक स्टार्ट-अप फंडिंग रिपोर्ट 2022’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि चेन्नई स्थित स्टार्टअप्स में कुल फंडिंग 2014 और 2022 के बीच $4 बिलियन यानी (लगभग 33000 करोड़) तक पहुंच गई. तीन साल की फंडिंग CAGR (कंपाउंड वार्षिक वृद्धि दर) 69 प्रतिशत देखी गई, जबकि स्टार्टअप्स में प्रमुख निवेशक टाइगर ग्लोबल, सिकोइया, चिराटे वेंचर्स और आयरन पिलर थे.
रिपोर्ट के अनुसार, अन्य उभरते हुए स्टार्टअप हब, पुणे, हैदराबाद, अहमदाबाद और जयपुर हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में, भारत में शीर्ष पांच स्टार्टअप हब, बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चेन्नई और हैदराबाद थे, जिसमें चेन्नई ने कुल फंडिंग राशि (182 प्रतिशत) के मामले में साल-दर-साल सबसे अधिक बदलाव दर्ज किया ) और डील काउंट (129 फीसदी) रही.
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि 2022 में सभी स्टार्टअप हब में स्टार्टअप फंडिंग की डील बहुत तेजी से कम हुई. पिछले वर्ष की तुलना में, बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में डील की संख्या क्रमशः 14 प्रतिशत, 12 प्रतिशत और 13 प्रतिशत कम हुई.
यदि स्टार्टअप सेक्टर के बारे में बात करें तो रिपोर्ट में बताया गया है कि 2022 में सबसे कम टेक के 652 स्टार्टअप दर्ज किए गए थे. वर्ष 2015 में भारत में सबसे अधिक 8000 स्टार्टअप रजिस्टर किए गए थे. यदि 2014 से 2022 तक देखें तो कुल 58000 स्टार्टअप लांच किए गए.
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2022 में हुए अधिकतर मर्जर और अधिग्रहण
रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में सबसे अधिक स्टार्टअप के विलय और अधिग्रहण हुए, इनकी संख्या लगभग 240 थी.
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘फंडिंग की कमी, निवेशकों के बाहर निकलने और बड़े खिलाड़ियों के बीच बाजार समेकन की आवश्यकता ने 2022 में एम एंड ए लेनदेन की संख्या को बढ़ा दिया.’
इसमें कहा गया है कि 2022 में अधिग्रहित हर पांच में से एक स्टार्टअप ई-कॉमर्स या एंटरप्राइज टेक सेक्टर से था.
जानकारों का मानना है कि यह ट्रेंड आगे भी जारी रह सकता है. वर्ष 2023 के बारे में भविष्यवाणी करते हुए, विशेषज्ञों ने दिप्रिंट को बताया कि आने वाला वर्ष काफी हद तक समेकन और विलय और अधिग्रहण का होगा.
साल 2022 में हुए सबसे अधिक विलय और अधिग्रहण की अगर बात करें तो मैक्स टकाटक और शेयर चैट ($600 मिलियन), ब्लिकिंट और जोमैटो ($568 मिलियन), पिकर और शिपरॉकेट ($200 मिलियन), अनबॉक्स्ड और नेटकोर ($100 मिलियन), एडवर्ब टेक्नोलॉजीस और रिलायंस रिटेल ($132 मिलियन) ), नॉर्थवेस्ट एक्जीक्यूटिव एजुकेशन और ग्रेट लर्निंग ($100 मिलियन), वेल्थडेस्क और फोनपे ($75 मिलियन), ओनडेज और लेंसकार्ट ($400 मिलियन), ओपनक्यू और फोनपे ($75 मिलियन) और क्लोविया और रिलायंस रिटेल ($125 मिलियन).
फायरिंग का चलन जारी रहेगा
भविष्य के लिए भविष्यवाणियों को सूचीबद्ध करते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को 2022 की तुलना में 2023 में अधिक यूनिकॉर्न मिलेंगे.
यह भी कहा गया, ‘तब जब 2022 में बड़े सौदों की बात आई तो निवेशक सतर्क रहे, इसमें से कुछ आने वाले साल के अंत तक बदल भी जाएंगे. फिनटेक, एंटरप्राइजटेक, बी2बी ई-कॉमर्स के स्टार्टअप जो यूनिकॉर्न क्लब के कगार पर हैं, उनके $1 बिलियन वैल्यूएशन पर पहुंचने की संभावना अधिक है क्योंकि ये ऐसे क्षेत्र हैं जो कम से कम प्रभाव देख रहे हैं, और वीसी (उद्यम पूंजी) को 2023 में आकर्षित करना जारी रखेंगे.
रिपोर्ट के मुताबिक, छोटे आरंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) फलते-फूलते रहेंगे.
‘Trackxn और DroneAcharya जैसे लोगों ने दिखाया है कि छोटे लाभदायक उद्यम जिनके पास सही फंडामेंटल हैं, IPO के साथ सफलता देख सकते हैं. बड़ी कंपनियां 2024 तक अपने आईपीओ में देरी कर सकती हैं, 2023 में कई छोटे तकनीकी आईपीओ की उम्मीद की जा सकती है क्योंकि निवेशक सौदों की तलाश में हैं.
इसमें कहा गया है कि 2023 में विलय और अधिग्रहण बढ़ेगा और एडटेक, रिटेल और हाइपरलोकल टेक, मोबिलिटी, डायरेक्टर-टू-कंज्यूमर (डी2सी), एंटरप्राइजटेक और फिनटेक जैसे क्षेत्रों में प्रभाव देखा जाएगा.
छंटनी की प्रवृत्ति आने वाले वर्ष में भी जारी रहने की उम्मीद है.
यही नहीं रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विविध कौशल वाले लोगों की मांग बढ़ेगी,’ वर्ष 2022 स्टार्टअप के लिए एक ऐसा पल था क्योंकि इस क्षेत्र से करीब 18,000 से अधिक लोगों की छंटनी की गई. साथ ही, ग्रोथ को बढ़ाने के लिए और संसाधनों के बीच की खाई को पाटने के लिए कंपनियां हायरिंग भी कर रही हैं. हायरिंग और छंटनी का यह चलन जारी रहेगा.
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(संपादन: अलमिना खातून)
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