मुंबई, 22 मई (भाषा) हवाई अड्डे पर जमीनी रखरखाव करने वाली तुर्किये की प्रमुख कंपनी सेलेबी की अनुषंगी ने अपनी सुरक्षा मंजूरी रद्द करने और मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) के साथ अपने अनुबंध को समाप्त करने के खिलाफ मुंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
मुंबई हवाई अड्डे पर परिचालन करने वाली सेलेबी नैस एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया ने बुधवार को तीन याचिकाएं दायर कीं, जिसमें सुरक्षा मंजूरी रद्द करने और अनुबंध समाप्ति के केंद्र के फैसलों को चुनौती दी गई है।
याचिकाओं में केंद्र सरकार के फैसलों को रद्द करने की मांग करते हुए कहा गया है कि ये फैसले मनमाने और गैरकानूनी हैं।
सेलेबी के पास सेलेबी नैस एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की 59 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
याचिका में भारत के नागर विमानन मंत्रालय के तहत नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) द्वारा दी गई सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के प्रशासनिक निर्णय को निलंबित और निरस्त करने की मांग की गई है।
इसमें एमआईएएल द्वारा ब्रिज माउंटेड इक्विपमेंट सर्विस एग्रीमेंट और कंसेशन एग्रीमेंट तथा जमीनी रखरखाव सेवाओं की समाप्ति के आदेश को भी रद्द करने की मांग की गई है।
अंतरिम राहत के रूप में, सेलेबी ने उच्च न्यायालय से इन सेवाओं के लिए नई जमीनी रखरखाव एजेंसी के चयन के लिए 17 मई को जारी निविदाओं पर कोई भी अंतिम निर्णय लेने से एमआईएएल को रोकने की मांग की है।
सेलेबी की दो अन्य अनुषंगी कंपनियों – सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया और सेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया ने इसी महीने दिल्ली हवाई अड्डे की परिचालक ‘डायल’ द्वारा सुरक्षा मंजूरी रद्द करने और अनुबंधों को रद्द करने के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
भारत-पाक संघर्ष के दौरान तुर्किये ने पाकिस्तान को समर्थन दिया था, जिससे उसके खिलाफ भारत में हो रही तीखी प्रतिक्रिया के बीच, विमानन सुरक्षा नियामक बीसीएएस ने पिछले सप्ताह ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ के आधार पर सेलेबी की भारतीय इकाई – सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया की सुरक्षा मंजूरी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी थी।
भाषा अनुराग रमण
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