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रविवार, 1 जून, 2025
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सीबीआई ने दो बैंकों से 388 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में वरुण इंडस्ट्रीज के खिलाफ मामला दर्ज किया

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(फाइल फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, 23 अगस्त (भाषा) केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 388 करोड़ रुपये से अधिक की कथित बैंक धोखाधड़ी के मामले में वरुण इंडस्ट्रीज के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और केनरा बैंक की अलग-अलग शिकायतों पर दर्ज दो नए मामलों में कंपनी, उसके प्रवर्तकों और निदेशकों कैलाश अग्रवाल तथा किरण मेहता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि इस धोखाधड़ी में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 269.29 करोड़ रुपये का और केनरा बैंक को 118.88 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

केनरा बैंक की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी में सीबीआई की बैंकिंग सुरक्षा तथा धोखाधड़ी शाखा की मुंबई इकाई ने उल्लेख किया कि पैकिंग ऋण सीमा (पीएसीएल) सुविधाओं का इस्तेमाल अन्य गतिविधियों में किया गया।

शिकायत के अनुसार, वरुण इंडस्ट्रीज मुख्य रूप से दुबई में दो कंपनियों, अल रेड इंटरनेशनल ट्रेडिंग और व्हाइट इम्पेक्स जनरल ट्रेडिंग एलएलसी के साथ काम कर रही थी और अधिकतर बिक्री कारोबार केवल उनके साथ किया गया।

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने आरोप लगाया कि कंपनी ने ऋण सुविधाओं के लिए किरण एन मेहता और कैलाश एस अग्रवाल की व्यक्तिगत गारंटी की पेशकश की थी।

धन की हेराफेरी के अलावा बैंक ने आरोप लगाया कि कंपनी, हस्तांतरित ऋण पत्रों और अन्य प्रतिबद्धताओं के खिलाफ देनदारियों को पूरा करने के लिए धन का बंदोबस्त करने में विफल रही, जिसके परिणामस्वरूप बैंक ने 17 अप्रैल 2012 को 269.29 करोड़ रुपये की बकाया राशि के साथ खाते को आरबीआई दिशानिर्देशों के तहत गैर-निष्पादित आस्ति (एनपीए) घोषित कर दिया।

भाषा निहारिका अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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