नयी दिल्ली, 24 अगस्त (भाषा) रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर ने रविवार को कहा कि रिलायंस कम्युनिकेशंस पर सीबीआई की हाल की कार्रवाई का वाणिज्यिक संचालन, वित्तीय प्रदर्शन, शेयरधारकों, कर्मचारियों या किसी अन्य संबंधित पक्षों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
रिलायंस समूह की दोनों कंपनियों ने शेयर बाजारों को अलग-अलग दी सूचनाओं में कहा कि वे अलग और स्वतंत्र सूचीबद्ध इकाइयां हैं जिनका रिलायंस कम्युनिकेशंस से कोई वाणिज्यिक या वित्तीय संबंध नहीं है।
इसके अलावा, अनिल डी. अंबानी 3.5 साल से ज्यादा समय से रिलायंस पावर लि. और रिलायंस इंफ्रा के निदेशक मंडल में नहीं हैं।
कंपनियों ने कहा कि ऐसे में, रिलायंस कम्युनिकेशंस से संबंधित किसी भी कार्रवाई का उनके कामकाज, प्रबंधन या संचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
कंपनियों ने कहा, ‘‘वे मीडिया रिपोर्ट पर स्पष्ट करना चाहती हैं कि रिलायंस कम्युनिकेशंस लि. और अनिल डी. अंबानी पर केंद्रीय जांच ब्यूरो की हाल की कार्रवाई का वाणिज्यिक संचालन, वित्तीय प्रदर्शन, शेयरधारकों, कर्मचारियों या किसी अन्य हितधारक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।’’
वर्तमान में, रिलायंस कम्युनिकेशंस का प्रबंधन भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाली और एक समाधान पेशेवर की देखरेख में कर्जदाताओं की एक समिति कर रही है।
यह मामला पिछले छह साल से राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण और उच्चतम न्यायालय सहित अन्य न्यायिक मंचों के समक्ष लंबित है।
रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने कहा कि वे वाणिज्यिक योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेंगे और सभी पक्षों के लिए मूल्य सृजन के लिए प्रतिबद्ध हैं।
रिलायंस समूह की कंपनी, रिलायंस पावर लि. देश की निजी क्षेत्र की प्रमुख बिजली उत्पादन कंपनियों में से एक है। कंपनी के पास 5,305 मेगावाट का परिचालन पोर्टफोलियो है। इसमें 3,960 मेगावाट का सासन पावर लि. भी शामिल है, जो दुनिया का सबसे बड़ा एकीकृत कोयला आधारित बिजली संयंत्र है।
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लि. बुनियादी ढांचा और रक्षा क्षेत्रों में विशेष उद्देश्यीय इकाइयों के माध्यम से बिजली, सड़क और मेट्रो रेल जैसे क्षेत्रों में परियोजनाओं का विकास कर रही है।
भाषा रमण पाण्डेय
पाण्डेय
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