चेन्नई, एक मार्च (भाषा) गत्ते के बक्से बनाने वाले विनिर्माताओं के एक संगठन ने केंद्र से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लाभ के लिये इन बक्सों पर लगने वाले माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कम करने का आग्रह किया है।
‘साऊथ इंडियन कोरुगेटेड बॉक्स मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन’ ने मंगलवार को कहा कि यदि गत्ते के बक्से बनाने वाले विनिर्माता कच्चे माल की लागत में भारी वृद्धि के कारण होने वाले नुकसान की वजह से इस क्षेत्र से बाहर निकलते हैं, तो एमएसएमई क्षेत्र को कठिनाइयों को सामना करना पड़ेगा।
एसोसिएशन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि गत्ते के बक्से पर माल एवं सेवा कर 18 प्रतिशत है। यह वित्तीय तनाव का कारण बनता है क्योंकि एमएसएमई क्षेत्र को भुगतान प्राप्ति में 60 दिन तक का समय लगता है, लेकिन सरकार को शुल्क के रूप में भुगतान 30 दिनों में करना होता है।
भाषा रमण प्रेम
प्रेम
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.