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Sunday, 17 November, 2024
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अगले महीने आ सकता है कैंपस शूज का आईपीओ, कंपनी का वितरण पर जोर

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बद्दी (हिमाचल प्रदेश), 17 अप्रैल (भाषा) स्पोर्ट्स और अन्य प्रकार के फुटवियर बनाने वाली कंपनी कैंपस एक्टिववियर अगले महीने शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने की योजना बना रही है। कंपनी की योजना देश के पश्चिमी एवं दक्षिणी राज्यों में भी नेटवर्क बढ़ाकर अपनी स्थिति मजबूत करने की है।

कैंपस एक्टिववियर के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) रमन चावला ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कंपनी की विस्तार योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि कंपनी की ऊंचे मार्जिन वाले महिला एवं बच्चों के खंड में नए उत्पाद उतारने की भी योजना है।

अपने विस्तार के लिए कंपनी विशिष्ट आउटलेट का नेटवर्क मजबूत करने के साथ ही ऑनलाइन बिक्री बढ़ाने पर भी जोर देगी। उन्होंने कहा, ‘‘कैंपस सीधे ग्राहकों तक पहुंचने का तरीका अपनाती रहेगी। इसमें महिलाओं एवं बच्चों के लिए नए उत्पाद लाने पर खास जोर रहेगा।’’

उन्होंने कहा कि कंपनी का बिक्री नेटवर्क बढ़ाने के लिए नए कर्मचारियों की नियुक्ति की भी योजना है। कैंपस की फिलहाल देशभर में करीब 100 विशिष्ट दुकानें हैं। इनमें से 65 स्टोर का स्वामित्व कंपनी के पास है औऱ बाकी फ्रेंचाइजी मॉडल पर आधारित हैं।

वित्त वर्ष 2020-21 के बिक्री आंकड़ों के आधार पर कैंपस का ब्रांडेड स्पोर्ट्स फुटवियर उद्योग में करीब 17 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी का दावा है।

इस बीच, बाजार से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि कैंपस का मई में शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने का भी इरादा है। कंपनी ने पिछले साल ही भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए आवेदन दाखिल किया था।

दस्तावेज के मुताबिक, कैंपस आईपीओ के तहत 5.1 करोड़ शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) लाएगी। उसके मौजूदा प्रवर्तक हरिकृष्ण अग्रवाल और निखिल अग्रवाल के अलावा टीपीजी ग्रोथ-3 एसएफ प्राइवेट लिमिटेड एवं क्यूआरजी एंटरप्राइजेज जैसे निवेशक भी अपने पास रखे शेयरों की बिक्री करेंगे।

फिलहाल कैंपस में उसके प्रवर्तकों की 78.21 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि टीपीजी ग्रोथ एवं क्यूआरजी के पास क्रमशः 17.19 फीसदी एवं 3.86 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बाकी 0.74 फीसदी हिस्सेदारी व्यक्तिगत शेयरधारकों एवं कर्मचारियों के पास है।

भाषा

प्रेम अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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