नयी दिल्ली, छह नवंबर (भाषा) नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार के वित्त के ऑडिट की गुणवत्ता में और सुधार लाने और गहन व्यावसायिक विशेषज्ञता विकसित करने के लिए दो केंद्रीकृत कैडर बनाने की घोषणा की।
उप नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के. सुब्रमण्यम ने यहां संवाददाताओं को बताया कि कैग ने भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा विभाग के अंतर्गत विशेष कैडर… केंद्रीय राजस्व लेखा परीक्षा (सीआरए) कैडर और केंद्रीय व्यय लेखा परीक्षा (सीईए) कैडर… बनाने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
यह योजना एक जनवरी, 2026 से लागू होगी।
वर्तमान में, केंद्रीय प्राप्तियों और व्यय का ऑडिट महानिदेशक (ऑडिट)/प्रधान निदेशक (ऑडिट) कार्यालयों और कई राज्य सिविल ऑडिट कार्यालयों और स्वतंत्र सीसीए (मुख्य लेखा नियंत्रक) में फैले कैडर नियंत्रण वाले विशिष्ट कार्यालयों द्वारा किया जाता है।
सुब्रमण्यम ने कहा कि केंद्रीकरण कैडर प्रबंधन को एकीकृत करेगा और कई अलग-अलग कैडर को दो विशिष्ट धाराओं में समेकित करेगा।
नए कैडर वरिष्ठ लेखा परीक्षा अधिकारी और सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी के स्तर पर 4,000 से अधिक लेखा परीक्षा पेशेवरों को एकीकृत करेंगे।
उन्होंने कहा कि सीआरए कैडर सरकारी राजस्व संग्रह की लेखा परीक्षा में विशेषज्ञता को बढ़ावा देगा और सीईए कैडर सरकारी व्यय की लेखा परीक्षा पर ध्यान केंद्रित करेगा।
केंद्रीकरण के लाभ के बारे में, सुब्रमण्यम ने कहा कि सीआरए और सीईए कैडर में विशेषज्ञता से राजस्व और व्यय लेखा परीक्षा में विशेषज्ञता प्राप्त होगी।
इससे कैडर-नियंत्रण प्राधिकरणों की संख्या भी सीआरए के लिए 16 और सीईए के लिए 19 से घटकर प्रत्येक कार्यक्षेत्र के लिए एकल केंद्रीय प्राधिकरण हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि बड़े, एकीकृत संवर्गों के अंतर्गत अखिल भारतीय स्थानांतरण दायित्व पारदर्शी ‘रोटेशन’ को सक्षम बनाता है और संगठनात्मक आवश्यकताओं को पूरा करते हुए, घर के पास ‘पोस्टिंग’ की संभावना को बढ़ाता है।
सुब्रमण्यम ने कहा, ‘‘हर किसी के पास जीवन में घर के करीब या किसी नजदीकी स्थान पर रहने के दो से तीन अवसर होंगे।’’
भाषा रमण अजय
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