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Thursday, 14 November, 2024
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मंत्रिमंडल ने कर्जदारों को अनुग्रह राशि के भुगतान के लिये 973 करोड़ रुपये जारी करने की मंजूरी दी

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नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) सरकार ने बुधवार को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के लिए 973.74 करोड़ रुपये की राशि जारी करने की स्वीकृति दी। यह राशि कोविड-19 महामारी के बीच 2020 में कर्ज की किस्त के भुगतान के लिए दी गई मोहलत को लेकर ब्याज भुगतान से संबंधित है।

मंत्रिमंडल के निर्णय की जानकारी देते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा कि निर्धारित ऋण खातों में कर्ज लेने वाले लोगों को छह महीने के लिए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर के बराबर अनुग्रह भुगतान को लेकर बजट में 5,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।

उन्होंने कहा कि इसमें से 4,626 करोड़ रुपये का भुगतान 2020-21 में किया गया। अतिरिक्त 1,846 करोड़ रुपये का दावा 2021-22 में प्राप्त हुआ।

ठाकुर ने कहा कि एसबीआई को अनुग्रह भुगतान को लेकर 873.07 करोड़ रुपये 23 जुलाई से 22 सितंबर 2021 के बीच दिये गये। दावे के तहत शेष राशि के निपटान के लिये केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एसबीआई को 973.74 करोड़ रुपये स्वीकृत करने की मंजूरी दी है।

आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘मंत्रिमंडल की मंजूरी से योजना के संचालन संबंधी दिशनिर्देश पहले ही जारी किये जा चुके हैं। तय दिशानिर्देशों के तहत 973.74 करोड़ रुपये वितरित किये जाएंगे। ’’

उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने कोविड संकट को देखते हुए 27 मार्च, 2020 को विभिन्न अवधि के कर्ज की किस्त लौटाने को लेकर मोहलत दी थी। यह मोहलत उन किस्तों के लिये दी गयी थी, जो एक मार्च से 31 मई, 2020 के चुकाई जानी थी। बाद में इसे बढ़ाकर 31 अगस्त तक कर दिया गया था।

वित्तीय और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों से मोहलत अवधि के दौरान 30 नवंबर, 2020 तक दो करोड़ रुपये तक के कर्ज पर लिये गये चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर के बराबर राशि संबंधित खातों में जमा करने को कहा गया था।

वित्त मंत्रालय ने कहा था कि इस राशि को संबंधित खातों में डालने के बाद वित्तीय संस्थान केंद्र सरकार के समक्ष उसके भुगतान के लिये दावा करेंगे। दावा राशि के भुगतान के लिये एसबीआई को नोडल एजेंसी बनाया गया था।

बयान के अनुसार, यह योजना संकटग्रस्त श्रेणी के कर्ज लेने वाले लोगों को छह महीने की मोहलत अवधि के दौरान चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर का अनुग्रह भुगतान देकर छोटे कर्जदारों को महामारी के कारण पैदा हुए संकट से पार पाने और अपने पैरों पर फिर से खड़े होने में मदद करेगी। यह सहायता सभी कर्जदारों के लिये है, भले ही उन्होंने मोहलत सुविधा का लाभ उठाया हो अथवा नहीं।

इसमें कहा गया है कि मंत्रिमंडल ने कोविड संकट के बीच निर्धारित ऋण खातों में कर्जदारों को छह महीने के लिए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर के बराबर अनुग्रह भुगतान की योजना की मंजूरी अक्टूबर, 2020 को दी थी। इसके लिए 5,500 करोड़ रुपये की की राशि तय की गयी थी।

वित्त वर्ष 2020-2021 में योजना के लिए 5,500 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया था। यह राशि योजना के तहत नोडल एजेंसी एसबीआई को ऋण देने वाले संस्थानों को दिये जाने को लेकर दी गई थी।

उपरोक्त श्रेणी के ऋणों के लिए एसबीआई और अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के हिस्से का आकलन करके 5,500 करोड़ रुपये की अनुमानित धनराशि निर्धारित की गयी थी। कैबिनेट को इस तथ्य से भी अवगत कराया गया था कि वास्तविक राशि का निर्धारण तब हो सकेगा, जब ऋण देने वाली संस्थाएं अपना लेखापरीक्षा-पूर्व का खाता-वार दावा प्रस्तुत करें।

बयान के अनुसार अब, एसबीआई ने सूचित किया है कि उसे ऋण देने वाली संस्थाओं से लगभग 6,473.74 करोड़ रुपये के समेकित दावे प्राप्त हुए हैं। चूंकि एसबीआई को 5,500 करोड़ रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं, इसलिए अब 973.74 करोड़ रुपये की शेष धनराशि के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी ली गयी है।

भाषा

रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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