मुंबई, 17 मार्च (भाषा) वैश्विक बाजारों में मजबूती के रुख के बीच बीएसई सेंसेक्स में बृहस्पतिवार को लगातार दूसरे दिन तेजी रही और यह 1,000 अंक से अधिक चढ़कर 57,000 अंक के पार निकल गया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये ब्याज दर बढ़ाये जाने तथा आने वाले समय में नीतिगत दर को और कड़ा किये जाने के संकेतों के बावजूद बाजार में तेजी आयी।
कारोबारियों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की लिवाली और डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती से भी घरेलू शेयर बाजार को समर्थन मिला।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,047.28 अंक यानी 1.84 प्रतिशत उछलकर 57,863.93 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 311.70 अंक यानी 1.84 प्रतिशत चढ़कर 17,287.05 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में 5.50 प्रतिशत की तेजी के साथ सर्वाधिक लाभ में एचडीएफसी का शेयर रहा। इसके अलावा टाइटन, रिलायंस इंडस्ट्रीज, कोटक बैंक, एशियन पेंट्स, टाटा स्टील और मारुति में भी अच्छी तेजी रही।
दूसरी तरफ, केवल इन्फोसिस और एचसीएल 1.81 प्रतिशत तक के नुकसान में रहे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों ने उम्मीद के अनुरूप नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत वृद्धि का स्वागत किया। हालांकि, फेडरल रिजर्व का साल के दौरान नीतिगत दर में छह बार बढ़ोतरी का संकेत कुछ कड़ा रुख है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) भी लंबे समय बाद शुद्ध लिवाल रहे। यह घरेलू बाजार के लिये राहत वाली बात है। कच्चे तेल के दाम में कमी, युद्ध को लेकर तनाव कुछ कम होने तथा विदेशी निवेशकों की बाजार में वापसी को देखते हुए हम घरेलू बाजार में तेजी जारी रहने की उम्मीद कर सकते हैं।’’
बाजार शुक्रवार को होली के अवसर पर बंद रहेगा।
अवकाश के कारण कम कारोबारी दिवस वाले सप्ताह के दौरान सेंसेक्स 2,313.63 अंक यानी 4.16 प्रतिशत मजबूत हुआ जबकि निफ्टी में 656.60 अंक यानी 3.95 प्रतिशत की मजबूती रही।
कोटक महिंद्रा लाइफ इंश्योरेंस के इक्विटी प्रमुख हेमंत कानावाला ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता शुरू होने और भारत के रूसी तेल खरीदने से जिंसों के दाम में नरमी आयी है। साथ ही चीन ने जिंसों के दाम को लेकर कुछ राहत प्रदान की है। हालांकि, चीजें अभी उभर रही हैं और समाधान अभी बाकी है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की। यह 2018 के बाद ब्याज दरों में पहली वृद्धि है। इसके साथ ही अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने यह भी संकेत दिया है कि मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये नीतिगत दर में और वृद्धि की जा सकती है।
एशिया के अन्य बाजारों में जापान में निक्की, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, हांगकांग का हैंगसेंग और चीन में शंघाई कंपोजिट सूचकांक बढ़त में रहे।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में मिला-जुला रुख था।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 3.97 प्रतिशत बढ़कर 101.91 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 41 पैसे मजबूत होकर 75.80 (अस्थायी) पर पहुंच गयी।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने हालिया बिकवाली के बाद लिवाली की। उन्होंने बुधवार को 311.99 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।
भाषा
रमण अजय
अजय
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