नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) दिल्ली रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) के चेयरमैन आनंद कुमार ने कहा है कि यदि ग्राहक खरीदी गई आवासीय या वाणिज्यिक संपत्तियों पर देय राशि का भुगतान नहीं करते हैं, तो बिल्डरों को नियामक अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज करनी चाहिए।
कुमार ने रियल एस्टेट क्षेत्र के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रियल एस्टेट डेवलपर को ‘निवेशकों के जाल’ में फंसने के प्रति आगाह किया क्योंकि इससे उनका नकदी प्रवाह प्रभावित हो सकता है और इससे परियोजनाओं में रुकावट आ सकती है।
उन्होंने कहा, “निवेशकों का जाल है, जो बिछाया जाता है। कई लोग भारी मुनाफे की उम्मीद में एक साथ कई फ्लैट खरीद लेते हैं।”
कुमार ने कहा कि ये निवेशक अपार्टमेंट की कुल लागत का अधिकतम 30 प्रतिशत भुगतान करते हैं और उसके बाद वे अपनी किस्तों का भुगतान करना बंद कर देते हैं। ऐसे निवेशक बिल्डरों द्वारा याद दिलाने पर जवाब नहीं देते हैं।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसके बाद रियल एस्टेट डेवलपर इकाइयां रद्द करने के लिए मजबूर हो जाता है और इससे विवाद शुरू होता है।
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