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सोमवार, 16 जून, 2025
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देश में पेट्रोल, डीजल की खपत में जैव ऊर्जा का हिस्सा पांच साल में 50 प्रतिशत संभव: गडकरी

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नयी दिल्ली, 16 जून (भाषा) सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को वाहन उद्योग से वैकल्पिक ईंधन पर अनुसंधान और विकास करने का आग्रह करते हुए कहा कि देश में जीवाश्म ईंधन (पेट्रोल, डीजल) की खपत में जैव ऊर्जा का हिस्सा पांच साल में 50 प्रतिशत तक हो सकता है।

गडकरी ने इंडियन स्कूल फॉर डिजाइन ऑफ ऑटोमोबाइल्स के भूमिपूजन कार्यक्रम में कहा कि जीवाश्म ईंधन के कारण वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या बन गई है।

मंत्री ने बताया कि देश में 40 प्रतिशत वायु प्रदूषण के लिए परिवहन क्षेत्र जिम्मेदार है, और इसकी वजह जीवाश्म ईंधन है।

गडकरी ने कहा, ”हमें अपनी पारिस्थितिकी और पर्यावरण की रक्षा करने और भारत को कार्बन-तटस्थ देश बनाने के प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) के सपने को पूरा करने की जरूरत है।”

गडकरी ने कहा कि भारत के जीवाश्म ईंधन की खपत में जैव ऊर्जा की हिस्सेदारी पांच साल में 50 प्रतिशत तक हो सकती है।

उन्होंने कहा कि जीवाश्म ईंधन के आयात पर 22 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

मंत्री ने कहा कि देश एथनॉल, फ्लेक्स इंजन, मेथनॉल, बायोडीजल, बायो एलएनजी, सीएनजी, इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन जैसे विभिन्न ईंधनों पर काम कर रहा है।

उन्होंने कहा कि पेट्रोल में पहले से ही 20 प्रतिशत तक एथनॉल मिलाया जा रहा है।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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