(तस्वीर के साथ)
पटना, 19 मई (भाषा) केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने ‘विकसित बिहार’ के संकल्प को ‘विकसित भारत’ से अभिन्न बताते हुए सोमवार को कहा कि राज्य की उपजाऊ भूमि और उद्यमशीलता की भावना भारत को वैश्विक ‘खाद्य टोकरी’ के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
पासवान ने यहां दो-दिवसीय ‘अंतरराष्ट्रीय क्रेता विक्रेता सम्मेलन’ (आईबीएसएम) का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन केवल एक व्यापारिक आयोजन न होकर ग्रामीण समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हमारी संकल्पना है कि बिहार के युवा नौकरी तलाशने की जगह नौकरी देने वाले बनें। हम सुनिश्चित करेंगे कि सरकार द्वारा हर निवेशक को पूरी सुविधा मिले।’’
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय इस सम्मेलन का आयोजन कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), भारतीय व्यापार संवर्धन परिषद (टीपीसीआई) और बिहार सरकार के साथ मिलकर कर रहा है।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य खाद्य और संबद्ध क्षेत्रों के प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाना है ताकि व्यापार को बढ़ावा दिया जा सके, निर्यात को मजबूत किया जा सके और बिहार की कृषि-खाद्य क्षमता को उजागर किया जा सके।
पासवान ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को संगठित बनाने की योजना पीएमएफएमई के तहत बिहार में सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को 624.42 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड 10,270 ऋण स्वीकृत किए गए जो देश में किसी भी राज्य के लिए सबसे अधिक है।
इस अवसर पर बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने किसानों की आय बढ़ाने में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बिहार कृषि ऐप की पेशकश के बारे में भी जानकारी दी, जो किसानों को आवश्यक सहायता और जानकारी प्रदान करने के लिए एक समर्पित मंच है।
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