पटना, 25 फरवरी (भाषा) बिहार की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 2020-21 में 2.5 प्रतिशत रही। यह राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। विधानसभा में शुक्रवार को पेश 2021-22 के आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह कहा गया है।
उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बिहार विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सदन के पटल पर राज्य का 16वां आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। इसके अनुसार राज्य में पिछले पांच वर्षों 2016-17 से 2020-21 के दौरान कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में 2.1 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है।
प्रसाद के पास वित्त मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है।
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार बिहार के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 2020-21 में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई और कोविड- 19 महामारी की रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ के प्रभाव के बावजूद वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। पिछले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
सर्वेक्षण के अनुसार मौजूदा बाजार मूल्य पर 2020-21 के दौरान भारत के 86,659 रूपये प्रति व्यक्ति आय की तुलना में बिहार में प्रति व्यक्ति आय 50,555 रुपये रही।
पिछले पांच वर्षों 2016-17 से 2020-21 के दौरान बिहार में प्राथमिक क्षेत्र में 2.3 प्रतिशत, द्वितीयक क्षेत्र में 4.8 प्रतिशत और तृतीयक क्षेत्र में 8.5 प्रतिशत की उच्चतम दर से वृद्धि हुई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य सरकार ने कोविड महामारी चुनौतियों का जवाब अपने वित्तीय संसाधनों के सर्वोत्तम संभव उपयोग के साथ दिया। 2020-21 में राज्य सरकार का कुल खर्च पिछले वर्ष की तुलना में 13.4 प्रतिशत बढ़कर 1,65,696 करोड़ रूपये पहुंच गया जिसमें 26,203 करोड़ पूंजीगत व्यय और 1,39,493 करोड़ राजस्व व्यय शामिल है।
सर्वेक्षण के अनुसार पिछले पांच वर्षों के दौरान कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में 2.1 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है। पशुधन और मत्स्य पालन की वृद्धि दर क्रमशः 10 प्रतिशत और 7 प्रतिशत रही ।
भाषा अनवर
रंजन रमण
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