नयी दिल्ली, सात मार्च (भाषा) वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी भारतपे के सह-संस्थापक शाश्वत नकरानी ने अपने पूर्व सहयोगी अशनीर ग्रोवर पर कंपनी के बारे में गलत तस्वीर पेश करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि निदेशक मंडल ने तेजी दिखाते हुए उन्हें (ग्रोवर को) बाहर का रास्ता दिखाया है।
क्यूआर कोड के जरिये दुकानदारों को डिजिटल भुगतान की सुविधा मुहैया कराने वाली कंपनी भारतपे के निदेशक मंडल ने पूर्व प्रबंध निदेशक ग्रोवर को कथित अनियमितताओं का दोषी पाए जाने के बाद पिछले हफ्ते सभी पदों से हटा दिया था। इसके अलावा कंपनी उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की संभावना भी तलाश रही है।
ग्रोवर के साथ मिलकर भारतपे की बुनियाद रखने वाले नकरानी ने कंपनी के कर्मचारियों को लिखे एक पत्र में इस पूरे घटनाक्रम पर प्रबंधन का रुख साफ करने की कोशिश की है। उन्होंने निदेशक मंडल के सख्त रुख का बचाव करते हुए कहा कि ग्रोवर प्रकरण महज अपवाद था और भारतपे के लिए यह कोई सामान्य मानक नहीं है।
नकरानी ने इस पत्र में कहा, ‘‘मेरे सह-संस्थापक ग्रोवर अब भारतपे के साथ कर्मचारी, संस्थापक या निदेशक किसी भी रूप में जुड़े नहीं हैं। अशनीर ने पीडब्ल्यूसी की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद बुलाई गई बैठक के एजेंडा की जानकारी मिलते ही एक मार्च, 2022 की देर रात निदेशक मंडल को अपना इस्तीफा दे दिया।’’
हालांकि, उन्होंने इस पत्र में पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों का ब्योरा नहीं दिया है, लेकिन भारतपे ने पिछले हफ्ते ग्रोवर को सभी पदों से हटाते समय कहा था कि ग्रोवर परिवार और उनके रिश्तेदार कंपनी के वित्त में गड़बड़ी करते हुए पाए गए हैं। इसके अलावा फर्जी बिलों के जरिये कंपनी से पैसे निकालने और अपनी जीवनशैली से जुड़े खर्च भी कंपनी के खाते में जोड़ने की बात कही गई।
नकरानी ने इस प्रकरण में ग्रोवर की तरफ से दिए गए बयानों को गलत तस्वीर पेश करने की कोशिश बताते हुए कहा है कि वह उसी कंपनी के बारे में गलत बातें कर रहे हैं जिसे साथ मिलकर खड़ा किया गया।
भारतपे में ग्रोवर के पास 9.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि नकरानी के पास 7.8 प्रतिशत हिस्सेदारी है। निवेशक सिकोया कैपिटल इंडिया के पास सर्वाधिक 19.6 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
भाषा प्रेम अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.