नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) नीति आयोग ने कहा है कि भारत में वर्ष 2030 तक 600 गीगावाट घंटा (जीडब्ल्यूएच) की बैटरी भंडारण क्षमता होने की संभावना है और इलेक्ट्रिक वाहन, भंडारण व्यवस्था एवं उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए मांग बढ़ने से बैटरी भंडारण को बढ़ावा मिलेगा।
नीति आयोग की एक रिपोर्ट में बैटरी भंडारण के भावी परिदृश्य को लेकर यह अनुमान लगाया गया है। इसके मुताबिक, बैटरी की पुनर्चक्रण प्रक्रिया में सभी संबंधित पक्षों को भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करने वाला एक सुसंगत नियामकीय ढांचा होने से देश में बैटरी पुनर्चक्रण परिवेश के विकास में मदद मिलेगी।
यह रिपोर्ट कहती है, ‘हमारे विश्लेषण के हिसाब से वर्ष 2030 तक भारत में बैटरी भंडारण की कुल संभावना 600 गीगावाट (एक गीगावाट बरबरार 1,000 मेगावॉट) घंटा होगी। इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) एवं उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे खंड देश में बैटरी भंडारण के नजरिये से मांग को गति देने वाले प्रमुख घटक होंगे।’
नीति आयोग की ‘भारत में उन्नत सेल बैटरी पुनःप्रयोग एवं पुनर्चक्रण बाजार’ रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2020 में उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए ऊर्जा भंडारण 4.5 जीडब्ल्यूएच के साथ लिथियम ऑयन बैटरी के लिए सबसे बड़ा बाजार था। हालांकि ईवी बैटरियां भी 0.92 जीडब्ल्यूएच के साथ करीब 10 फीसदी बाजार पर काबिज थीं।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2010 से 2020 के बीच बैटरियों के लिए वैश्विक मांग सालाना आधार पर 25 फीसदी की दर से बढ़कर 730 जीडब्ल्यूएच हो गई। इसके वर्ष 2030 तक चार गुना बढ़कर 3,100 जीडब्ल्यूएच हो जाने का अनुमान है।
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