मुंबई, 10 अगस्त (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति पर प्रतिक्रिया देते हुए बैंकों ने कहा कि 10 प्रतिशत वृद्धिशील नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) लागू करने से बैंकों की कर्ज देने की क्षमता प्रभावित नहीं होगी।
बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों ने नीति को बारीक अर्थ वाला बताया और कहा कि नीतिगत दरों पर यथास्थिति उम्मीद के मुताबिक है।
रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को लगातार तीसरी बार प्रमुख नीति दरों में कोई बदलाव नहीं किया।
बैंकिंग उद्योग के संगठन भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के चेयरमैन ए के गोयल ने कहा, ”नकदी की इस अस्थायी रोक के बाद भी अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रणाली में पर्याप्त नकदी रहेगी।”
भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा ने सीआरआर पर लिए गए फैसले का सीधे तौर पर उल्लेख नहीं किया, लेकिन नीति घोषणा को ”बेहद बारीक” और सावधानी से तैयार किया गया दस्तावेज बताया।
उन्होंने कहा, ”सब्जियों की कीमतों में मौजूदा उछाल को देखते हुए मुद्रास्फीति पर उचित सावधानी बरती गई है।”
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के जरीन दारूवाला ने कहा कि सीआरआर पर लिया गया फैसला आश्चर्यजनक है और इससे त्योहारी सत्र से पहले अल्पकालिक दरों पर दबाव पड़ेगा।
भाषा पाण्डेय
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