नयी दिल्ली, सात मार्च (भाषा) रियल एस्टेट कंपनी आम्रपाली की स्थगित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए छह बैंकों के गठजोड़ की अगुवाई करने वाले बैंक ऑफ बड़ौदा ने 300 करोड़ रुपये डाले हैं। उच्चतम न्यायालय को सोमवार को यह सूचना दी गई।
न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने गठजोड़ में शामिल अन्य बैंकों को निर्देश दिया कि वे सुनवाई की अगली तारीख 14 मार्च के पहले 1,200 करोड़ रुपये की बाकी राशि भी जारी करें।
इस मामले में अदालत के रिसीवर नियुक्त किए गए वरिष्ठ अधिवक्ता एन वेंकटरमानी ने सुनवाई की शुरुआत में पीठ को बताया कि गठजोड़ के अगुआ बैंक ऑफ बड़ौदा ने आम्रपाली समूह की स्थगित परियोजनाओं का कार्य पूरा करने के लिए 300 करोड़ रुपये डाल दिए हैं। इसके अलावा गठजोड़ के बाकी पांच बैंक भी राशि जारी करने की प्रक्रिया में हैं।
गठजोड़ की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि बैंक कोष जारी करने के अंतिम दौर में हैं और जल्द ही इस काम को पूरा कर लिया जाएगा।
इस दौरान एनबीसीसी के वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने कहा कि आम्रपाली समूह की स्थगित परियोजनाओं की संरचनात्मक समीक्षा की जा रही है। वीएनआईटी नागपुर और एनआईटी जालंधर के विशेषज्ञ इस काम में जुटे हुए हैं।
पीठ ने अदालत के समक्ष रखे गए इस पक्ष से सहमत होते हुए कहा कि घर खरीदारों को निर्माण कार्य दोबारा शुरू किए जाने की राह में किसी तरह का व्यवधान नहीं डालना चाहिए।
आम्रपाली समूह की नोएडा और ग्रेटर नोएडा स्थित कई आवासीय परियोजनाएं अधूरी होने से हजारों घर खरीदार परेशान हैं।
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प्रेम अजय
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