मुंबई, 26 अक्टूबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को कहा कि बैंकों को एक करोड़ रुपये तक की सभी सावधि जमाओं पर समय-पूर्व निकासी की सुविधा देनी होगी। इस समय यह सीमा 15 लाख रुपये तक है।
रिजर्व बैंक ने एक परिपत्र में कहा कि समीक्षा करने के बाद यह फैसला किया गया है कि गैर-निकासी योग्य सावधि जमा के लिए न्यूनतम राशि 15 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये की जा सकती है।
इसका मतलब है कि व्यक्तियों द्वारा एक करोड़ रुपये और उससे कम राशि वाली सावधि जमा पर समय से पहले निकासी की सुविधा होनी चाहिए।
इसके साथ ही बैंकों को मौजूदा मानकों के अनुरूप सावधि जमा की अवधि और आकार के अलावा समय-पूर्व निकासी का विकल्प नहीं होने के आधार पर अलग-अलग ब्याज दरों की पेशकश करने का विकल्प भी दिया गया है।
ये निर्देश सभी वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों पर तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।
आरबीआई ने एक अन्य परिपत्र में कहा कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के लिए ‘थोक जमा’ सीमा को मौजूदा 15 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये और उससे अधिक कर दिया गया है।
इसके साथ ही आरबीआई ने कहा कि क्रेडिट सूचना कंपनियों (सीआईसी) को ग्राहकों की क्रेडिट जानकारी में सुधार करने में हुई देरी के लिए प्रतिदिन 100 रुपये का मुआवजा देना होगा। नई व्यवस्था लागू करने के लिए क्रेडिट संस्थानों (सीआई) और क्रेडिट सूचना कंपनियों (सीआईसी) को छह महीने का वक्त दिया गया है।
भाषा पाण्डेय प्रेम
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