नयी दिल्ली, तीन अगस्त (भाषा) संसद की एक समिति ने बुधवार को सुझाव दिया कि बैंकों को साइबर धोखाधड़ी से प्रभावित ग्राहकों को विभिन्न एजेंसियों की जांच लंबित रहने तक मुआवजा देना चाहिए।
वित्त संबंधी स्थायी समिति ने अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेनदेन में ग्राहकों की देयता को सीमित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा किए गए प्रयासों को भी संज्ञान में लिया।
समिति ने कहा कि सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग प्रथाओं पर ग्राहकों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए डिजिटल बैंकिंग इकाइयों (डीबीयू) के लिए दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा कि असहाय ग्राहकों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। ग्राहकों को समाधान के लिए दर-दर भटकने को मजबूर होना पड़ता है।
समिति ने कहा, ‘‘इस संबंध में स्पष्ट रूप से संबंधित बैंक की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वह विभिन्न एजेंसियों द्वारा मामले में आगे की जांच लंबित रहने तक ग्राहक को तुरंत मुआवजा प्रदान करें।’’
भाषा जतिन अजय
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