मुंबई, 15 सितंबर (भाषा) घरेलू क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने सोमवार को कहा कि बैंकों की ऋण वृद्धि वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही में तेजी पकड़ेगी और समूचे वित्त वर्ष में यह लगभग 12 प्रतिशत तक रह सकती है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में बैंकों के कर्ज वितरण को बढ़ाने में खुदरा ऋण मुख्य भूमिका निभाएगा जबकि कॉरपोरेट ऋण की वृद्धि अपेक्षाकृत धीमी रहेगी।
इसके साथ ही क्रिसिल ने कुछ चिंताओं की ओर भी इशारा किया है। परिवारों के जमा अंशदान में गिरावट आने से जमा स्थिरता पर असर पड़ सकता है और छोटे व्यवसायों को दिए जाने वाले कर्ज संपत्ति गुणवत्ता के लिए चुनौती हो सकते हैं।
क्रिसिल के मुख्य रेटिंग अधिकारी कृष्णन सीतारमण ने कहा, ‘‘पहली तिमाही में ऋण वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत रही, जो अब बढ़कर 10 प्रतिशत के करीब पहुंच चुकी है लेकिन यह अब भी धीमी है। हम उम्मीद करते हैं कि दूसरी छमाही में तेज ऋण वृद्धि होगी और समूचे वित्त वर्ष में ऋण वृद्धि 11-12 प्रतिशत तक पहुंच सकती है।’’
उन्होंने कहा कि सरकारी और नियामकीय उपायों के साथ कॉरपोरेट कर्जदारों का बॉन्ड बाजार जैसी वैकल्पिक जगहों से बैंक कर्ज की तरफ लौटने से बैंकों की ऋण वृद्धि को मदद मिलेगी।
इसके साथ ही क्रिसिल ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक की ब्याज दर कटौती का असर अभी तक बैंक कर्ज की सीमांत लागत आधारित कर्ज दर में नहीं नजर आया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि जैसे ही बैंकों के कर्ज पर ब्याज दरें कम होंगी, फिर से बैंक कर्जों की मांग बढ़ जाएगी।
हालांकि, निजी पूंजीगत व्यय (प्राइवेट कैपेक्स) की वृद्धि में समय लग सकता है, क्योंकि कंपनियां वैश्विक अनिश्चितताओं के समाधान के बाद ही बड़े निवेश निर्णय लेंगी।
रेटिंग एजेंसी ने जमा स्थिरता पर कहा कि घरों का जमा योगदान पिछले पांच वर्षों में 64 प्रतिशत से घटकर 60 प्रतिशत रह गया है। हालांकि, प्रणालीगत तरलता बढ़ाने वाली नीतियों के कारण अपेक्षित ऋण वृद्धि के लिए पर्याप्त जमा उपलब्ध रहेगा।
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