मुंबई, 31 अक्टूबर (भाषा) सितंबर में उद्योगों को दिए जाने वाले बैंक ऋण की वृद्धि घटकर 7.3 प्रतिशत रह गई, जो पिछले साल इसी अवधि में 8.9 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
आरबीआई ने कहा कि सालाना आधार पर 19 सितंबर, 2025 को समाप्त पखवाड़े तक गैर-खाद्य बैंक ऋण में 10.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पिछले साल के इसी पखवाड़े (20 सितंबर, 2024) के दौरान यह 13 प्रतिशत थी।
केंद्रीय बैंक ने सितंबर के लिए बैंक ऋण के क्षेत्रीय आवंटन पर आंकड़े जारी किए हैं, जो 41 चुनिंदा वाणिज्यिक बैंकों से जमा किए हैं। ये ऋण सभी बैंकों के कुल गैर-खाद्य ऋण का लगभग 95 प्रतिशत हैं।
सितंबर महीने में बैंक ऋण के क्षेत्रवार आवंटन पर जारी रिपोर्ट के मुताबिक, ”उद्योगों को दिए गए ऋण में पिछले साल के इसी पखवाड़े में 8.9 प्रतिशत की तुलना में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।”
सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को दिए गए ऋण में दहाई अंकों में वृद्धि जारी रही। प्रमुख उद्योगों में इंजीनियरिंग, बुनियादी ढांचा, वस्त्र, और वाहन को दिए गए ऋण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
इसके अलावा कृषि और संबद्ध गतिविधियों को दिए गए ऋण में सालाना आधार पर नौ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। यह आंकड़ा पिछले वर्ष के इसी पखवाड़े में 16.4 प्रतिशत था।
आंकड़ों से पता चला कि सेवा क्षेत्र को दिए गए अग्रिमों में सालाना आधार पर 10.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को दिए जाने वाले ऋण में वृद्धि धीमी रही। दूसरी ओर पर्यटन, होटल और रेस्तरां, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और वाणिज्यिक अचल संपत्ति जैसे क्षेत्रों में अच्छी वृद्धि देखी गई।
आरबीआई ने कहा कि व्यक्तिगत ऋण क्षेत्र में सालाना 11.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि एक साल पहले यह 13.4 प्रतिशत थी।
भाषा पाण्डेय प्रेम
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