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Sunday, 29 September, 2024
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श्रमिक संगठनों की देशव्यापी हड़ताल में कम-से-कम आठ राज्यों में बंद जैसी स्थिति: संयुक्त मंच

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नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) केंद्रीय श्रमिक संगठनों के संयुक्त मंच ने सोमवार को कहा कि सरकार की विभिन्न नीतियों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल के कारण कम-से-कम आठ राज्यों में बंद जैसी स्थिति रही।

दो दिवसीय हड़ताल सोमवार को शुरू हुई।

मंच ने एक बयान में कहा, ‘‘तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओड़िशा, असम, हरियाणा और झारखंड में बंद जैसी स्थिति रही।’’

बयान के अनुसार गोवा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, बिहार, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों के कई औद्योगिक क्षेत्रों में विरोध-प्रदर्शन हुआ।

इसमें कहा गया है कि सिक्किम में भी कर्मचारी हड़ताल पर गये। इसके अलावा दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और जम्मू- कश्मीर के औद्योगिक क्षेत्र के कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हुए।

मंच के अनुसार, तमिलनाडु में 300 स्थानों पर लगभग 50,000 कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के कार्यालयों पर धरना दिया। आयकर विभाग के कर्मचारी भी देशव्यापी विरोध में शामिल हुए।

बयान में दावा किया गया है कि मछुआरे भी सुबह अपने काम पर नहीं गये। ग्रामीण क्षेत्रों में मछुआरे भी अपनी मांगों के समर्थन में विरोध में शामिल हुए।

श्रमिक संगठन निजीकरण का विरोध करने के अलावा श्रम कानूनों में प्रस्तावित संशोधनों और राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन का विरोध कर रहे हैं। इसके अलावा, उनकी मांगों में मनरेगा (महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून) के लिये आवंटन बढ़ाने और ठेका कर्मचारियों को नियमित करना शामिल है।

संयुक्त मंच में इंटक (इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस), एटक (ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस), एचएमएस (हिंद मजदूर सभा), सीटू (सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस), एआईयूटीयूसी (ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर), टीयूसीसी (ट्रेड यूनियन कॉर्डिनेशन सेंटर), सेवा (सेल्फ एम्प्लॉयड वुमेन्स एसोसएिशन), एआईसीसीटीयू (ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियनन्स), एलपीएफ (लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन) और यूटीयूसी (यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस) के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के स्वतंत्र महासंघ शामिल हैं।

बयान के अनुसार, देशभर में 20 करोड़ से अधिक कर्मचारी सोमवार को विरोध में शामिल हुए।

मंच ने दावा किया कि बैंकों और बीमा कंपनियों के कई कर्मचारी काम पर नहीं गये। जबकि कोयला, इस्पात, डाक, तेल, तांबा, दूरसंचार क्षेत्रों में लगे लोगों ने भी हड़ताल में भाग लिया।

बयान के अनुसार, महाराष्ट्र सहित सभी राज्यों में बिजली विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए, जहां सरकार ने एस्मा (आवश्यक सेवा रखरखाव कानून) लागू किया था।

भाषा

रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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