नयी दिल्ली, 21 जुलाई (भाषा) बैंकों का गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) का अनुपात मार्च, 2024 तक कुल ऋण के पांच से 5.5 प्रतिशत पर आ जाएगा। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ताजा वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2022 में बैंकों की कुल गैर निष्पादित आस्तियां (जीएनपीए) घटकर छह साल के निचले स्तर 5.9 प्रतिशत पर आ गईं।
रेटिंग एजेंसी ने रिपोर्ट में कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि बैंकों का फंसा कर्ज 31 मार्च, 2024 के अंत तक घटकर 5 से 5.5 प्रतिशत रह जाएगा। इसी इसी तरह हमें उम्मीद है कि ऋण की लागत भी चालू वित्त वर्ष में सामान्य होकर 1.5 प्रतिशत पर आ जायेगी। आगे यह और घटकर 1.3 प्रतिशत रह जाएगी।’’
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि लघु और मझोले आकार के उद्यम क्षेत्र और कम आय वर्ग वाले परिवार बढ़ती ब्याज दरों और ऊंची मुद्रास्फीति से प्रभावित हैं, लेकिन आगे ये जोखिम सीमित रहेंगे।
रिपोर्ट में कहा गया कि आर्थिक गतिविधियों के बढ़ने के साथ इस क्षेत्र में जो दबाव अभी शेष है, वह घटना शुरू हो जाएगा। साथ ही एनपीए वसूली में भी सुधार आने की उम्मीद है।
रिपोर्ट के अनुसार, मध्यम अवधि में भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं मजबूत बनी रह सकती है। वित्त वर्ष 2022-23 से 2025-26 के बीच सकल घरेलू उत्पाद में सालाना 6.5 से सात प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है।
भाषा जतिन अजय
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