नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) भारत में मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) का औसत वेतन 13.8 करोड़ रुपये है, जो कोविड-19 महामारी से पहले की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक है।
डेलॉयट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय सीईओ के कुल पारिश्रमिक का आधे से अधिक हिस्सा अल्पकालिक और दीर्घकालिक प्रोत्साहन से जुड़ा हुआ है।
‘डेलॉयट इंडिया एक्जिक्यूटिव परफॉर्मेंस एंड रिवार्ड्स सर्वे 2024’ के अनुसार, भारत में मुख्य कार्यपालक अधिकारियों का औसत वेतन 13.8 करोड़ रुपये है। सर्वेक्षण के मुताबिक जो सीईओ प्रवर्तक हैं या प्रवर्तक परिवार के सदस्य हैं, उन्हें औसतन 16.7 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाता है।
डेलॉयट इंडिया के भागीदार और सीएचआरओ प्रोग्राम के लीडर आनंदोरूप घोष ने कहा, ‘‘प्रवर्तक सीईओ का पारिश्रमिक, पेशेवर सीईओ के मुकाबले अधिक है। ऐसा मुख्य रूप से दो वजहों से है। प्रवर्तक सीईओ के मुकाबले पेशेवर सीईओ बार-बार बदलते रहते हैं। दूसरी बात यह कि प्रवर्तक सीईओ के मुआवजे की सीमा बहुत व्यापक है, और इससे औसत प्रभावित होता है।”
डेलॉयट के अनुसार, सीईओ के कुल वेतन में वृद्धि जरूर हुई है, लेकिन पारिश्रमिक का 50 प्रतिशत से अधिक जोखिम पर आधारित भुगतान है। प्रवर्तक सीईओ को किया जाने वाला 47 प्रतिशत भुगतान जोखिम पर आधारित है, जबकि पेशेवर सीईओ के लिए यह आंकड़ा 57 प्रतिशत है।
भाषा पाण्डेय अजय
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