नयी दिल्ली, आठ सितंबर (भाषा) पोर्टफोलियो प्रबंधन उद्योग की प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां जुलाई के अंत में सालाना आधार पर 17 प्रतिशत बढ़कर 25.4 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गयी।
निवेशकों के साथ उच्च जोखिम वाले रिटर्न के लिए पारंपरिक निवेश से परे विकल्पों में निवेश के चलते इसमें वृद्धि हुई है।
उद्योग के विशेषज्ञों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के लिए प्रवृत्ति सकारात्मक दिखाई दे रही है और पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं (पीएमएस) को खुदरा समेत व्यापक ग्राहक खंड द्वारा स्वीकार्यता मिल रही है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पोर्टफोलियो प्रबंधन उद्योग की प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति (एयूएम) जुलाई 2022 के अंत में बढ़कर 25.4 लाख करोड़ रुपये हो गई। यह पिछले साल जुलाई के अंत में 21.77 लाख करोड़ रुपये थी। इसमें 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
वहीं, इस साल जून के अंत में संपत्ति आधार 24.8 लाख करोड़ रुपये रहा था।
आंकड़ों के मुताबिक, कुल एयूएम में से 18.6 लाख करोड़ रुपये का योगदान कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) या कर्मचारियों के भविष्य निधि (पीएफ) का होता है।
भाषा जतिन रमण
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