नई दिल्ली: फिनटेक फर्म भारतपे के प्रबंध निदेशक अश्नीर ग्रोवर ने आगामी बोर्ड मीटिंग का एजेंडा मिलने के कुछ देर बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
बोर्ड मीटिंग के एजेंडा में सलाहकार फर्म पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट के आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई पर विचार शामिल है.
भरतपे ने एक बयान में कहा, ‘अश्नीर ग्रोवर ने आगामी बोर्ड बैठक का एजेंडा मिलने के कुछ मिनट बाद भारतपे के प्रबंध निदेशक और बोर्ड निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया. एजेंडा में उनके आचरण के बारे में पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट को प्रस्तुत करना और उसके आधार पर कार्रवाई करने का विचार करना शामिल था. रिपोर्ट के निष्कर्ष के आधार पर बोर्ड के पास कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित है.’
बोर्ड की बैठक मंगलवार को होनी है और इस दौरान ग्रोवर पर लगे वित्तीय अनियमितता के आरोपों पर चर्चा होगी.
सूत्रों के मुताबिक ग्रोवर ने अपने त्याग पत्र में कहा है कि उन्हें एक कंपनी को अलविदा कहने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जिसके वे संस्थापक हैं.
ग्रोवर ने पत्र में आरोप लगाया कि उन्हें और उनके परिवार को कुछ लोगों द्वारा निराधार मामलों में फंसाया गया है तथा ये लोग न केवल उनकी प्रतिष्ठा को, बल्कि कंपनी की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाने के लिए तैयार हैं.
इस संबंध में ग्रोवर को भेजे गए सवाल का कोई जवाब नहीं मिला.
पिछले सप्ताह ग्रोवर को अपने खिलाफ जारी कंपनी की जांच रोकने के लिए दायर मध्यस्थता अर्जी में हार का सामना करना पड़ा था और उन्हें सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एसआईएसी) से कोई राहत नहीं मिली.
ग्रोवर ने एसआईएसी में दायर अपनी अर्जी में कंपनी के कामकाज के लिए जारी समीक्षा रोकने की मांग करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ की जा रही यह जांच गैरकानूनी है. इस याचिका पर पहली सुनवाई 20 फरवरी को हुई थी.
ग्रोवर को पिछले महीने कोटक महिंद्रा बैंक के एक स्टाफ से फोन पर अभद्र भाषा में बातचीत का ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद तीन महीने के लिए छुट्टी पर भेज दिया गया था. उसके बाद कंपनी प्रबंधन ने ऑडिट फर्म से कामकाज की समीक्षा कराने का फैसला किया था.
ग्रोवर की पत्नी और भारतपे की नियंत्रण प्रमुख माधुरी जैन ग्रोवर को भी हाल ही में वित्तीय अनियमितता के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है.
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