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जेनसोल इंजीनियरिंग के स्वतंत्र निदेशक अरुण मेनन ने दिया इस्तीफा

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नयी दिल्ली, 17 अप्रैल (भाषा) कोष के दुरुपयोग और संचालन में चूक के कारण बाजार नियामक सेबी की जांच के दायरे में आयी संकटग्रस्त कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग से उसके स्वतंत्र निदेशक अरुण मेनन ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देने की जानकारी दी है।

कंपनी के प्रवर्तकों में से एक अनमोल सिंह जग्गी को भेजे इस्तीफे में मेनन ने लिखा कि अन्य व्यवसायों के पूंजीगत व्यय को वित्तपोषित करने के लिए जीईएल के बहीखाते तथा जीईएल द्वारा इतनी ऊंची ऋण लागत पर स्थिरता बनाए रखने को लेकर चिंता बढ़ रही है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के धन की हेराफेरी और कामकाज संबंधी खामियों के कारण जेनसोल इंजीनियरिंग और उसके प्रवर्तकों अनमोल सिंह जग्गी तथा पुनीत सिंह जग्गी को अगले आदेश तक प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित करने की पृष्ठभूमि में मेनन ने इस्तीफा दिया है।

नियामक ने अनमोल और पुनीत सिंह जग्गी को अगले आदेश तक जेनसोल में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय पद संभालने से भी रोक दिया था।

इसके अलावा, बाजार नियामक ने जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड (जीईएल) को उसके द्वारा घोषित शेयर विभाजन को रोकने का निर्देश भी दिया।

सेबी को इस संबंध में जून 2024 को शिकायत मिली थी।

जीईएल ने बुधवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि अरुण मेनन ने तत्काल प्रभाव से कंपनी के स्वतंत्र निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया है।

कंपनी सूचना के अनुसार, ‘‘ इसके परिणामस्वरूप वह कंपनी की विभिन्न समितियों का सदस्य भी नहीं रहेंगे।’’

मेनन ने अपने इस्तीफे के कारणों में अपने वर्तमान नियोक्ता की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों का भी हवाला दिया।

उन्होंने अनमोल सिंह जग्गी को लिखे पत्र में कहा, ‘‘ मैं आपको 2024 के जुलाई/अगस्त में वापस ले जाना चाहूंगा, जब मैंने कंपनी की ऋण स्थिति पर स्पष्टता हासिल करने के लिए आपसे संपर्क करने की कोशिश की थी और ऋण पुनर्गठन मार्ग के जरिये ब्याज लागत को कम करने में सहायता की भी पेशकश की थी। हालांकि आपने मुझे संदेश दिया था कि आप वापस संपर्क करेंगे, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी।’’

मेनन ने कहा, ‘‘ परमार (जीईएल के कंपनी सचिव राजेश परमार) से भी दो- तीन बार बात की थी और उनसे मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) के साथ बैठक के लिए कहा था, जो कभी संभव नहीं हो सकी।’’

कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में यह पत्र साझा किया। इसमें कहा गया है, ‘‘ अन्य व्यवसायों के पूंजीगत व्यय को वित्तपोषित करने के लिए जीईएल के बहीखाते का लाभ उठाने तथा जीईएल द्वारा इतनी अधिक ऋण लागत की सेवा की स्थिरता पर चिंता बढ़ रही थी। चूंकि मुझे लगा कि मैं कंपनी के लिए अधिक कुछ नहीं कर पा रहा हूं, इसलिए मैंने पिछले साल परमार से कहा था कि मैं अपना इस्तीफा देना चाहता हूं, लेकिन मुझे मैट्रिक्स के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के सफलतापूर्वक संपन्न होने तक रुकने के लिए कहा गया था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मेरी वर्तमान नौकरी, जहां हमारी मूल कंपनी एक निजी निवेश (पीई) कंपनी है, मुझे कंपनियों में स्वतंत्र निदेशक की भूमिका निभाने से रोकती है।’’

मेनन ने पत्र में लिखा, ‘‘ मैं समझता हूं कि यह कंपनी के लिए कठिन समय है और मुझे विश्वास है कि अतीत से मिली सीख न केवल आपको वर्तमान संकट से बाहर आने में मदद करेगी, बल्कि कंपनी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में भी मदद करेगी।’’

अंतरिम आदेश में दिए गए निर्देश के अनुसार, सेबी कंपनी और उसकी संबंधित संस्थाओं के खातों की गहन जांच के लिए एक ‘फोरेंसिक ऑडिटर’ की नियुक्ति करेगा।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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