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Thursday, 24 July, 2025
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उत्तर प्रदेश में तिलहन की खेती का रकबा बढ़ा

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लखनऊ, 24 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश में तिलहन और दलहन की खेती को बढ़ावा देने के प्रदेश सरकार के प्रयास रंग लाने लगे हैं। कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, खरीफ के मौजूदा सीजन में 21 जुलाई तक तिलहन की सभी प्रमुख फसलों तिल, मूंगफली और सोयाबीन की बुवाई का रकबा पिछले सीजन की तुलना में करीब सवा गुना तक बढ़ा है।

बृहस्पतिवार को जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, 2024 में तिलहन फसलों की बुवाई का कुल रकबा 432.25 हजार हेक्टेयर था जो 2025 में बढ़कर 547.14 हजार हेक्टेयर हो गया। इसमें तिल के रकबे में डेढ़ गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। पिछले साल तिल का रकबा 180.26 हजार हेक्टेयर था जो मौजूदा साल में बढ़कर 303 हजार हेक्टेयर हो गया।

इसी तरह इस सीजन की तिलहन की अन्य दो फसलों मूंगफली एवं सोयाबीन की बुवाई के रकबे में भी वृद्धि हुई है। इसी दौरान, सोयाबीन का रकबा 34.12 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 40 हजार हेक्टेयर हो गया, जबकि मूंगफली का रकबा 204 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 218 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया।

बयान के मुताबिक, जहां तक दलहनी फसलों की बात है तो खरीफ के सीजन की प्रमुख फसल अरहर है। आंकड़ों के मुताबिक, अरहर की बुवाई का रकबा 184 हजार हेक्टेयर से 273 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया है। मूंग का रकबा भी 30 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 32 हजार हेक्टेयर हो गया है।

खरीफ की बाकी मुख्य फसलों धान एवं मक्के की बुवाई का रकबा भी बढ़ा है। धान का रकबा 4,193 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 5,546 और मक्के का रकबा 636 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 701 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया है।

भाषा राजेंद्र नरेश अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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