नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) अपलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी ने बृहस्पतिवार को डीएचएफएल के कर्जदाताओं को वित्तीय कंपनी के परिहार्य लेनदेन के मूल्यांकन के संदर्भ में निर्णय पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया। अपीलीय न्यायाधिकरण ने पीरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस लि. की समाधान योजना को मंजूरी देते हुए उक्त निर्देश दिया।
पीरामल कैपिटल ऋण शोधन समाधान कार्यवाही के तहत संकट में फंसी डीएचएफएल के लिये सफल बोलीदाता के रूप उभरी है। कर्जदातओं की समिति (सीओसी) ने डीएचफएल की वसूली योग्य 45,000 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति के लिये मूल्य एक रुपये निर्धारित किया। यह वह संपत्ति है जिसे डीएचएफएल के पूर्ववर्ती प्रवर्तकों ने धोखाधड़ी से इधर-उधर किया।
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने अब वसूली योग्य संपत्ति से संबंधित परिहार्य लेन-देन के मूल्यांकन पर फिर से विचार को लेकर मंजूरी प्राप्त समाधान योजना को सीओसी को वापस भेज दिया है।
63 मून्स टेक्नोलॉजीज की याचिका पर अपीलीय न्यायाधिकरण ने यह फैसला सुनाया। कंपनी ने डीएचएफएल के गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर में निवेश कर रखा था। 63 मून्स को भी वित्तीय कर्जदार माना गया है।
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण की मुंबई पीठ ने सात जून, 2021 को समाधान योजना को मंजूरी दी थी। योजना के तहत आईबीसी की धारा 66 के तहत सभी वसूली के लिए एक रुपये का एक अनुमानित मूल्य दिया गया था। जबकि डीएचएफएल प्रशासक द्वारा 45,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति की वसूली के लिए आवेदन दायर किया गया था।
धारा 66 धोखाधड़ी वाले कारोबार से संबंधित लेन-देन से जुड़ी है।
भाषा रमण अजय
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