नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) सरकार ने चीन की प्लास्टिक प्रसंकरण मशीनों पर डम्पिंग रोधी शुल्क लगाने की व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) की सिफारिशों को अस्वीकार कर दिया है।
वाणिज्य मंत्रालय की जांच शाखा डीजीटीआर ने चीन से इन मशीनों की कथित डंपिंग के खिलाफ जांच की थी और फरवरी में इन पर शुल्क लगाने की सिफारिश की थी।
वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला राजस्व विभाग की तरफ से जारी कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, ‘‘केंद्र सरकार ने डीजीटीआर के अंतिम निष्कर्षों पर विचार करने के बाद सिफारिशों को स्वीकार नहीं करने का फैसला किया है।’’
डीजीटीआर जहां आयात होने वाली वस्तुओं पर डम्पिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश करता है, वहीं राजस्व विभाग शुल्क लगाने को लेकर अंतिम निर्णय लेता है।
इसके अलावा एक अन्य ज्ञापन में विभाग ने कहा कि सरकार ने यूरोपीय संघ, जापान, कतर और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से ‘मेलामाइन’ के आयात पर भी डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिशों को अस्वीकार कर दिया है।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की भाषा में डंपिंग शुल्क तब लगाया जाता है जब कोई देश या कंपनी अपने घरेलू बाजार में किसी उत्पाद की कीमत से कम मूल्य पर किसी वस्तु का निर्यात करती है। इससे आयातक देश के घरेलू उद्योग को नुकसान का सामना करना पड़ता है।
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