नयी दिल्ली, छह जुलाई (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय ने घरेलू कंपनियों के हितों की रक्षा के लिए बांग्लादेश और थाईलैंड से आने वाले उच्च गुणवत्ता के कांच पर डंपिंग-रोधी शुल्क लगाने की अनुशंसा की है। इस तरह के कांच का इस्तेमाल निर्माण, रेफ्रिजरेशन, सौर ऊर्जा तथा अन्य उद्योगों में होता है।
व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने अपनी जांच में पाया कि इन उत्पादों को भारत में डंपिंग मूल्य पर भेजा जाता है जिससे घरेलू उद्योग प्रभावित होता है इसलिए बांग्लादेश तथा थाईलैंड से ‘क्लियर फ्लोट ग्लास’ के आयात पर शुल्क लगाने की अनुशंसा की गई है।
महानिदेशालय ने अधिसूचना में कहा, ‘‘इन उत्पादों के आयात पर डंपिंग-रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की जाती है।’’
‘क्लियर फ्लोट ग्लास’ का इस्तेमाल निर्माण, रेफ्रिजरेशन, दर्पण और सौर ऊर्जा उद्योगों में होता है। यह बेहतरीन गुणवत्ता का कांच होता है।
महानिदेशालय ने कहा कि इस उत्पाद का सस्ती दरों पर आयात किए जाने की शिकायतें मिलने पर पड़ताल की गई और उसके बाद डंपिंग-रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की गई है। शिकायतें आशी इंडिया क्लास, गोल्ड प्लस ग्लास उद्योग, सिसेकाम फ्लैट ग्लास इंडिया और सैंट-गोबैन इंडिया से मिली थी।
डीजीटीआर ने एक अन्य अधिसूचना में कहा कि चीन और कोरिया से आयात किए जाने वाले अर्सोडिऑक्सीकोलिक एसिड पर भी शुल्क लगाने की अनुशंसा की गयी है।
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