नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने शुक्रवार को कहा कि अंतरिम बजट 2024-25 में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और स्टार्टअप के संबंध में की गईं घोषणाओं से देश की नवोन्मेष आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
सिंह ने कहा कि अगले वित्त वर्ष के लिए पूंजीगत व्यय में 11 प्रतिशत की वृद्धि करके 11.11 लाख करोड़ रुपये और राज्यों के सुधारों का समर्थन करने के लिए 50 वर्षों के लिए ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 75,000 करोड़ रुपये प्रदान करने के प्रावधान से देश की लॉजिस्टिक दक्षता, संपर्क सुविधा और लॉजिस्टिक लागत में कमी लाने में मदद मिलेगी।
सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, “अनुसंधान और विकास से संबंधित प्रावधान से उम्मीद है कि इसमें कुछ बड़े निजी निवेश को गति मिलेगी। अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को मजबूत करने के लिए एक नई योजना की घोषणा स्टार्टअप के लिए भी अच्छी है… इससे भारत की तेजी से नवोन्मेष आधारित अर्थव्यवस्था बनने को बढ़ावा मिलेगा।”
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को बुनियादी ढांचे पर 11.11 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की और सुधार जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने आम चुनाव से पहले मोदी सरकार के आखिरी बजट में लोकलुभावन योजनाओं से परहेज किया, बल्कि प्रमुख क्षेत्रों के लिए उपायों की घोषणा करते हुए घाटे में कमी लाने के रास्ते पर बने रहने का विकल्प चुना।
केंद्र सरकार ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए राज्यों द्वारा सुधारों को बढ़ावा देने के लिए 50 वर्षों के लिए ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 75,000 करोड़ रुपये प्रदान करेगी। सरकार ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है।
सिंह ने कहा, “इसका अच्छा असर होगा और बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए 11 फीसदी बहुत अच्छी बढ़ोतरी है। इससे हमारी लॉजिस्टिक दक्षता और संपर्क व्यवस्था में और सुधार होगा और अंततः लॉजिस्टिक लागत कम होगी। बजट की मुख्य बात राजकोषीय मजबूती पर ध्यान देना है, लेकिन इसके साथ पूंजीगत व्यय और सड़कों, राजमार्ग तथा रेलवे जैसे प्रमुख बुनियादी ढांचे पर ध्यान जारी रखा गया है।”
भाषा अनुराग रमण
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