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Tuesday, 11 November, 2025
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अनिल अंबानी के रिलायंस समूह ने कहा, कुर्की से कारोबार पर कोई असर नहीं

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नयी दिल्ली, चार नवंबर (भाषा) अनिल अंबानी के रिलायंस समूह ने मंगलवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की मनी लॉन्ड्रिंग जांच से जुड़ी 7,500 करोड़ रुपये की संपत्तियों की कुर्की से समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के कारोबार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।

समूह की सूचीबद्ध कंपनियों ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कुर्क की गई अधिकांश संपत्तियां रिलायंस कम्युनिकेशंस की हैं, जो कि समाधान पेशेवर और भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) के नियंत्रण में हैं।

जांच एजेंसी ने 31 अक्टूबर को धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 42 संपत्तियों को कुर्क करने के लिए चार अलग-अलग अस्थायी आदेश जारी किए। इसमें 66 वर्षीय अंबानी के मुंबई के पाली हिल स्थित पारिवारिक घर के अलावा उनकी समूह कंपनियों की अन्य आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियां भी शामिल हैं।

यह कुर्की रिलायंस कम्युनिकेशंस और उससे संबंधित कंपनियों से जुड़े मामलों से जुड़ी है। ये मामले 2017 और 2019 के बीच यस बैंक से लिए गए ऋण का कथित रूप से दुरुपयोग से संबंधित हैं।

कंपनियों ने कहा, ‘‘रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. और रिलायंस पावर लि. यह स्पष्ट करना चाहती हैं कि दोनों कंपनियों के संचालन, प्रदर्शन या भविष्य की संभावनाओं पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ा है।’’

शेयर बाजार को दी गयी सूचना के अनुसार, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर दोनों ही सामान्य रूप से काम कर रही हैं। दोनों कंपनियां वृद्धि, परिचालन उत्कृष्टता और सभी संबंधित पक्षों, विशेष रूप से 50 लाख से अधिक शेयरधारक परिवार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर ध्यान दे रही हैं।

कंपनियों ने कहा, ‘‘कुर्की की गई संपत्तियों का सबसे बड़ा मूल्य रिलायंस कम्युनिकेशंस का है, जो 2019 से यानी पिछले छह वर्षों से रिलायंस समूह का हिस्सा नहीं रही है। कंपनी छह वर्षों से अधिक समय से कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) से गुजर रही है। इसके समाधान से संबंधित सभी मामले वर्तमान में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण और उच्चतम न्यायालय के समक्ष विचाराधीन हैं।’’

शेयर बाजार को दी गयी सूचना में कहा गया, ‘‘अनिल अंबानी रिलायंस कम्युनिकेशंस से किसी भी तरह से जुड़े नहीं हैं और उन्होंने छह साल पहले 2019 में इस्तीफा दे दिया था।’’

‘‘अनिल डी अंबानी साढ़े तीन साल से ज्यादा समय से रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर या रिलायंस पावर के निदेशक मंडल में भी नहीं रहे हैं।’’

कंपनियों ने कहा, ‘‘सभी रिपोर्टों में लगातार अनिल डी अंबानी को बार-बार शामिल करना अनुचित है…।’’

सूचना में कहा गया है कि रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर पर एक पैसा भी कर्ज नहीं है। 31 मार्च, 2025 तक कंपनी के पास 65,840 करोड़ रुपये की संपत्ति, 14,287 करोड़ रुपये का नेटवर्थ तथा सात लाख से अधिक निवेशकों का एक मजबूत खुदरा शेयरधारक परिवार है।

रिलायंस पावर पर भी बैंक का कोई कर्ज नहीं है और 31 मार्च, 2025 तक इसकी संपत्ति 41,282 करोड़ रुपये और नेटवर्थ 16,337 करोड़ रुपये था।

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. और रिलायंस पावर लि. दोनों ने 29 अक्टूबर, 2025 को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के समक्ष निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा मूल्य निर्धारण और बाजार में हेराफेरी के एक व्यवस्थित अभियान के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज करायी है।

रिलायंस समूह की दो प्रमुख कंपनियां… रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लि. और रिलायंस पावर लि. पूरी तरह से ऋण मुक्त हैं, जिन पर किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान का कोई बकाया ऋण नहीं है।

भाषा रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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