नयी दिल्ली, 10 जून (भाषा) रिलायंस समूह के संस्थापक अनिल अंबानी और जर्मन हथियार विनिर्माता डीहल डिफेंस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हेल्मुट राउख ने निर्देशित गोला-बारुद पर अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा की। दोनों कंपनियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
दोनों कंपनियों के बीच 2019 में निर्देशित गोला-बारुद प्रणाली को लेकर सहयोग की रणनीतिक साझेदारी हुई थी।
दोनों कंपनियों ने एक बयान में कहा, ‘डीहल डिफेंस के लिए रिलायंस डिफेंस के साथ सहयोग भारतीय बाजार और भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता का हिस्सा है।’
दोनों समूहों के बीच मौजूदा रणनीतिक सहयोग समझौते का मुख्य उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों के लिए ‘सिस्टम वल्केनो 155 मिलीमीटर सटीक निर्देशित गोला-बारुद’ की तत्काल आपूर्ति करना है।
‘मेक इन इंडिया-2 के तहत सिस्टम वल्केनो 155 मिमी’ पहल चल रही है, जिसमें भारतीय ग्राहक के लिए रिलायंस डिफेंस प्रमुख ठेकेदार है और डीहल डिफेंस उसकी रणनीतिक भागीदार है।
डीहल डिफेंस के सीईओ हेल्मुट राउख ने कहा, ‘डीहल डिफेंस भारतीय सशस्त्र बलों के लिए निर्देशित गोला-बारुद के संदर्भ में रिलायंस के साथ मौजूदा संबंधों को मजबूत करने के लिए तत्पर है।’
अंबानी ने इस अवसर पर कहा, ‘यह रणनीतिक गठबंधन न केवल भारत की रक्षा विनिर्माण क्षमताओं की उन्नति को गति देता है, बल्कि रिलायंस डिफेंस को वैश्विक रक्षा आपूर्ति शृंखला के एक अहम अंग के रूप में भी स्थापित करता है।’
रिलायंस समूह महाराष्ट्र के रत्नागिरी में एक विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने जा रहा है जिसकी वार्षिक क्षमता 200,000 तोप के गोले, 10,000 टन विस्फोटक और 2,000 टन प्रणोदक के उत्पादन की होगी।
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