झज्जर, 24 नवंबर (भाषा) केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोमवार को कहा कि सरकार नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की गैर-अनुबंधित क्षमता का मामला-दर-मामला आधार पर विश्लेषण कर रही है और इसका स्पष्ट खाका जनवरी, 2026 की शुरुआत तक सामने आने की उम्मीद है।
जोशी ने हरियाणा के झज्जर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि मंत्रालय के अधिकारियों को खासकर उन परियोजनाओं का मूल्यांकन करने का निर्देश दिया गया है जिनके लिए अभी तक बिजली खरीद समझौता (पीपीए) या बिजली बिक्री समझौता (पीएसए) नहीं हुए हैं।
उन्होंने कहा, “बिजली मंत्रालय के साथ हुई बैठक के बाद मैंने अधिकारियों से कहा है कि हर परियोजना की अलग-अलग समीक्षा करें। अगले 30–45 दिन में इसका पूरा ब्योरा हमारे पास उपलब्ध होगा।”
सरकार के मुताबिक, 40 गीगावाट से अधिक क्षमता की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं पीपीए, पीएसए या पारेषण संपर्क सुनिश्चित करने की उन्नत अवस्था में हैं।
महीने की शुरुआत में सरकार ने स्पष्ट किया था कि वह पारेषण क्षमता के बेहतर उपयोग और अनुबंध रूपरेखा को सुदृढ़ करने के लिए उपाय तलाश रही है। इसमें ‘ग्रीन शू’ विकल्प की समीक्षा और कुछ परियोजनाओं के लिए पीपीए/पीएसए की व्यवहार्यता पर विचार शामिल है। इसके साथ ही सरकार ने परियोजनाएं सामूहिक रूप से रद्द किए जाने से इनकार किया है।
सौर परियोजनाओं की शुल्क दरें 2.38–2.56 रुपये प्रति यूनिट हैं जबकि पवन परियोजनाओं के लिए दरें 3.70–3.90 प्रति यूनिट के बीच हैं। बोली जीतने वाले डेवलपर परियोजनाओं के लिए संभावित खरीदार बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के साथ पीपीए पर सहमति बनाने की प्रक्रिया में हैं।
कार्यक्रम के दौरान जोशी ने हरियाणा के रेवाड़ी में के2 ग्रुप के 240 टन प्रतिदिन क्षमता वाले बायोमास पैलेट संयंत्र का भी उद्घाटन किया।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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