नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) कानून में प्रस्तावित संशोधन के अगली सरकार के पहले 100 दिनों के एजेंडे में शामिल होने की उम्मीद है।
सूत्रों ने सोमवार को कहा कि प्रस्तावित संशोधन विधेयक को संसद के मानसून सत्र में पेश किया जा सकता है। मानसून सत्र नवनिर्वाचित सरकार का पहला सत्र होगा जिसमें 2024-25 के लिए पूर्ण बजट भी पेश किया जाएगा।
लोकसभा चुनावों की प्रक्रिया इस समय जारी है और सात चरणों में मतदान होने के बाद चार जून के नतीजे सामने आएंगे।
वाणिज्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने कहा कि सरकार एसईजेड में निर्मित उत्पादों की घरेलू बाजार में बिक्री के लिए एक लचीली रूपरेखा और इकाइयों के लिए अनुमोदन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने जैसे कई उपायों पर विचार कर रही है।
इस संशोधन के जरिये सरकार एसईजेड को पुनर्जीवित करने में मदद और एसईजेड एवं घरेलू शुल्क क्षेत्र (डीटीए) या घरेलू बाजार के बीच व्यापार लेनदेन को सुविधाजनक बनाना चाहती है।
एसईजेड ऐसे अधिसूचित क्षेत्र होते हैं जिन्हें व्यापार एवं सीमा शुल्क के लिहाज से विदेशी क्षेत्र माना जाता है और इन क्षेत्रों के बाहर घरेलू बाजार में शुल्क-मुक्त बिक्री पर प्रतिबंध है।
वाणिज्य मंत्रालय ने इन प्रस्तावों पर एक अंतर-मंत्रालयी बैठक भी की थी।
पिछले साल वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि सरकार क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एसईजेड में इकाइयों के लिए कुछ प्रतिबंधों में ढील देने पर विचार कर रही है।
शोध संस्थान ‘ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव’ (जीटीआरआई) ने सुझाव दिया है कि सरकार कच्चे माल पर पर लगा शुल्क चुकाने पर घरेलू बाजार में एसईजेड में निर्मित उत्पादों की बिक्री की अनुमति देगी क्योंकि इससे मूल्य-वर्धन को बढ़ावा मिलेगा।
फिलहाल एसईजेड में मौजूद इकाइयों को तैयार माल पर शुल्क के भुगतान पर अपने उत्पाद घरेलू बाजार में बेचने की अनुमति है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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