नयी दिल्ली, 15 फरवरी (भाषा) कंपनी मामलों के मंत्रालय ने सीमित दायित्व भागीदारी (एलएलपी) वाली फर्मों से संबंधित नियमों में बदलाव करने के साथ ही जुर्माना लगाने के लिए एक प्रारूप भी निर्धारित किया है।
संशोधित नियमों के मुताबिक, केंद्र सरकार एलएलपी अधिनियम के प्रावधानों के तहत जुर्माना लगाने के लिए पंजीयक स्तर और उससे ऊपर के अधिकारियों को निर्णायक प्राधिकारी नियुक्त कर सकती है।
किसी एलएलपी फर्म, साझेदार या किसी भी अन्य व्यक्ति पर जुर्माना लगाने के पहले निर्णायक प्राधिकारी को उसे कारण-बताओ नोटिस जारी करना होगा। नए नियम एक अप्रैल, 2022 से प्रभावी होंगे।
सलाहकार फर्म ईवाई के साझेदार (अनुपालन एवं गवर्नेंस) संपत राजगोपालन ने कहा कि एलएलपी अधिनियम में किए गए बदलाव इस कानून को अधिक आकर्षक, विश्वसनीय एवं कारोबार के लिए मैत्रीपूर्ण बनाने की पहल हैं। उन्होंने कहा कि ये बदलाव कारोबार की नजर में एलएलपी को एक विकल्प के तौर पर देखने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं जिसमें सीमित दायित्व का लाभ हो।
पिछले साल एलएलपी अधिनियम के तहत कई प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया था।
भाषा प्रेम अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.