नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) के किसी कर्मचारी को बर्खास्त करने या हटाने की स्थिति में उसे सेवानिवृत्ति लाभ नहीं मिलेंगे।
केंद्र सरकार ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इस तरह की बर्खास्तगी या हटाने के फैसले की समीक्षा संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय करेगा।
कार्मिक मंत्रालय ने इस संबंध में केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 में प्रमुख बदलाव किए हैं।
हाल ही में अधिसूचित केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) संशोधन नियम, 2025 के अनुसार, ‘‘किसी भी कर्मचारी को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में शामिल होने के बाद किसी भी कदाचार के लिए ऐसे उपक्रम की सेवा से बर्खास्त करने या हटाने से सेवानिवृत्ति लाभ जब्त हो जाएंगे।’’
इन नियमों को 22 मई को अधिसूचित किया गया। इसमें कहा गया, ‘‘कर्मचारी की बर्खास्तगी, निष्कासन या छंटनी की स्थिति में उपक्रम के फैसले की समीक्षा प्रशासनिक रूप से संबंधित मंत्रालय करेगा।’’
पिछले नियमों के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के कर्मचारी की बर्खास्तगी या सेवा से हटाए जाने की स्थिति में सेवानिवृत्ति लाभ को जब्त करने की अनुमति नहीं थी।
केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 रेलवे कर्मचारियों, आकस्मिक और दैनिक वेतनभोगी रोजगार में शामिल व्यक्तियों, तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) के अधिकारियों को छोड़कर, 31 दिसंबर, 2003 को या उससे पहले नियुक्त सरकारी कर्मचारियों पर लागू होते हैं।
भाषा पाण्डेय अजय
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