अमरावती, 20 अप्रैल (भाषा) आंध्र प्रदेश की नई बनने वाली राजधानी अमरावती इतिहास रचने के लिए तैयार है, क्योंकि इसका लक्ष्य पूरी तरह से नवीकरणीय ऊर्जा से चलने वाला दुनिया का पहला शहर बनने का है। शहर के योजनाकार एक अत्याधुनिक लेकिन पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल ‘जनता की राजधानी’ बनाने की योजना बना रहे हैं।
अधिकारियों ने कहा कि 2,700 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का दोहन करने की महत्वाकांक्षी योजना के साथ, शहर का लक्ष्य सौर, पवन और पनबिजली जैसे पर्यावरण अनुकूल (टिकाऊ) स्रोतों के माध्यम से अपनी सभी बिजली की जरूरतों को पूरा करना है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की पसंदीदा नई राजधानी शहर परियोजना भारत की नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु कार्रवाई के प्रति व्यापक प्रतिबद्धता के साथ मजबूती से जुड़ी हुई है।
कृष्णा नदी के तट पर नई राजधानी शहर की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इसी महीने रखी जाने की उम्मीद है। 65,000 करोड़ रुपये की यह परियोजना 217 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है, जिसमें आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र 8,352 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
उन्होंने कहा कि विजयवाड़ा और गुंटूर के बीच बनने वाली देश की सबसे नई राजधानी न केवल हरित शहरी नियोजन में भारत के नवाचार को प्रदर्शित करेगी, बल्कि वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा बदलाव में इसके नेतृत्व को भी मजबूत करेगी।
नायडू ने कहा कि यह 2,700 मेगावाट क्षमता न केवल जीवाश्म ईंधन पर शून्य निर्भरता सुनिश्चित करेगी, बल्कि शहरी स्थिरता के लिए एक वैश्विक मानक भी स्थापित करेगी। अपने स्मार्ट सिटी डिज़ायन में अत्याधुनिक ऊर्जा अवसंरचना को एकीकृत करके, अमरावती दुनिया भर के भविष्य के शहरों के लिए एक मॉडल बनने की स्थिति में है।
अधिकारियों ने बताया कि 2050 तक अमरावती को 2,700 मेगावाट (2.7 गीगावाट) बिजली की आवश्यकता होगी, जिसमें से न्यूनतम 30 प्रतिशत सौर और पवन ऊर्जा सहित नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त होगी।
भाषा अजय अनुराग
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