नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) मंडियों में कम आवक और मांग बढ़ने के बीच बीते सप्ताह देश के तेल-तिलहन बाजार में सभी तेल-तिलहन के दाम मजबूत बंद हुए। इस सुधार के बावजूद मूंगफली और सोयाबीन का हाजिर दाम अब भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी नीचे है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि मौजूदा सुधार पिछले सप्ताह की कीमत के मुकाबले जरूर आया है पर वास्तव में इसे सुधार कहना अनुचित होगा। उदाहरण के लिए कहा जा सकता है कि नवंबर, 2024 में जिस सीपीओ का दाम 1,310 डॉलर प्रति टन था वह घटकर 1,025-1,030 डॉलर टन रह गया है। अब अगर सीपीओ का मौजूदा दाम बढ़कर 1,035-1,040 डॉलर हो जाये तो इसे ‘तेल कीमतों में भारी तेजी’ बताना सही नहीं होगा। संभवत: इसी तरह की समीक्षाओं की वजह से भी देश के तेल-तिलहन उत्पादन को आघात पहुंचा है और देश खाद्य तेलों के मामले में आयात पर निर्भर होता चला गया है।
सूत्रों ने कहा कि विदेशों में दाम टूटने के बीच कच्चे पाम तेल (सीपीओ) की मांग बढ़ने लगी है। मलेशिया में सीपीओ का उत्पादन बढ़ने का समय है और उम्मीद है कि इसका दाम सोयाबीन तेल से और घटेगा और उसके बाद इसकी मांग में अभी के मुकाबले और सुधार होगा। छिटपुट मांग बढ़ने से सीपीओ, पामोलीन के दाम मजबूत बंद हुए।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार जिस सोयाबीन का दाम नवंबर, 2024 में 1,280-1,285 डॉलर टन था वह बीते सप्ताह घटकर 1,085-1,090 डॉलर प्रति टन रह गया।
सूत्रों ने कहा कि देश में कच्ची घानी की बड़ी तेल मिलों की ओर से सरसों की मांग बढ़ी है और किसानों की ओर से आवक कम हो रही है जबकि इस बार सरसों का पर्याप्त उत्पादन हुआ है। इसकी असल वजह को समझना फिलहाल एक पहेली है। आगे जाकर अचार बनाने का मौसम भी सामने है और सरसों तेल की मांग बढ़ने से सरसों तेल-तिलहन कीमतों में सुधार आया। सरसों के मामले में सुधार आना माना जा सकता है क्योंकि इसके हाजिर दाम एमएसपी से भी अधिक हो गये हैं।
उन्होंने कहा कि वैसे तो बीते सप्ताह मूंगफली और सोयाबीन तेल-तिलहन में भी सुधार है। मगर इन दोनों तिलहन के दाम एमएसपी से क्रमश: लगभग 15 प्रतिशत और लगभग 10 प्रतिशत नीचे हैं। सुधार आने या तेजी आने का असल मतलब तब निकलेगा जब इन तिलहनों के दाम एमएसपी से अधिक हो जायें।
सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन में असल खेल डी-आयल्ड केक (डीओसी) पर निर्भर करता है क्योंकि सोयाबीन में सबसे अधिक मात्रा में यानी लगभग 82 प्रतिशत डीओसी निकलता है। डीओसी की मांग होगी तभी किसानों को सोयाबीन के अच्छे दाम मिलेंगे। इस बार डीओसी की स्थानीय मांग बेहतर रहने से सोयाबीन तेल-तिलहन में सुधार आया।
सूत्रों ने कहा कि मूंगफली के दाम में वैसे अपने पिछले सप्ताह के मुकाबले सुधार है लेकिन हाजिर दाम एमएसपी से लगभग 15 प्रतिशत नीचे हैं। सरकार को इस बात की ओर ध्यान देना चाहिये कि जब हाजिर दाम एमएसपी से काफी नीचे है तो इसका असर खुदरा बाजार में क्यों नहीं आ रहा? सरकार को मूंगफली और सोयाबीन की बिजाई पूरी होने तक मूंगफली और सोयाबीन की भी सरकारी बिक्री रोक देनी चाहिये नहीं तो मूंगफली का हाल भी सूरजमुखी खेती जैसा होने का खतरा हो सकता है। सूरजमुखी का एमएसपी अधिक होने के बावजूद किसान अब इसे बोने से कतराते हैं।
उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में सरकार को जल्दी फैसला करना होगा क्योंकि बुवाई के लगभग एक महीना पहले से ही किसान इस बात को तय करने में लग जाते हैं कि इस बार किस फसल को बोने से उन्हें फायदा मिलेगा।
बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 185 रुपये के सुधार के साथ 6,460-6,560 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। जबकि, सरसों दादरी तेल का थोक भाव 675 रुपये के सुधार के साथ 13,725 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 75-75 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 2,435-2,535 रुपये और 2,435-2,560 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज का थोक भाव क्रमश: 125-125 रुपये सुधार के साथ क्रमश: 4,600-4,650 रुपये और 4,300-4,350 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। इसी प्रकार, सोयाबीन दिल्ली एवं सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के दाम क्रमश: 500 रुपये, 350 रुपये और 400 रुपये बढ़कर क्रमश: 13,550 रुपये, 13,300 रुपये और 9,450 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।
समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल-तिलहन के भाव भी मजबूत बंद हुए। मूंगफली तिलहन का दाम 125 रुपये की मजबूती के साथ 5,750-6,125 रुपये क्विंटल, मूंगफली तेल गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल का भाव क्रमश: 200 और 30 रुपये की मजबूती के साथ क्रमश: 14,100 रुपये क्विंटल और 2,250-2,550 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।
सूत्रों ने कहा कि छिटपुट मांग बढ़ने से सीपीओ 200 रुपये की मजबूती के साथ 11,800 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली का भाव 250 रुपये की तेजी के साथ 13,350 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव 350 रुपये की मजबूती के साथ 12,300 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
तेजी के आम रुख के अनुरूप, समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल भी 350 रुपये बढ़कर 13,250 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
भाषा राजेश
अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.