नयी दिल्ली, 14 मई (भाषा) दूरसंचार कंपनी एयरटेल के वाइस-चेयरमैन और प्रबंध निदेशक गोपाल विट्टल ने बुधवार को कहा कि कंपनी की ओर से सरकार को दिए गए समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाया को इक्विटी स्वामित्व में बदलने के आवेदन का उद्देश्य उपलब्ध विकल्पों पर स्पष्टता प्राप्त करना है।
भारती एयरटेल ने ब्याज देनदारी सहित लगभग 41,000 करोड़ रुपये के एजीआर बकाया को सरकार के लिए इक्विटी स्वामित्व में बदलने की मांग की है, जो कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया (वीआई) को दी गई इसी तरह की राहत के अनुरूप है।
विट्टल ने कहा, “एजीआर रूपांतरण पर, मुझे लगता है कि हमारे लिए यह काफी सरल था। हमें लगता है कि हम रूपांतरण के विकल्प के संदर्भ में एक गैर-भेदभावपूर्ण समान खेल का मैदान चाहते थे। हम रूपांतरण करेंगे या नहीं, यह बोर्ड को लेने का निर्णय है, लेकिन विकल्प कुछ ऐसा है जिसे हम सुनिश्चित करना चाहते थे। हम सरकार से स्पष्टीकरण चाहते थे कि हमारे पास विकल्प है या नहीं।”
वह पिछले वित्त वर्ष (2024-25) और उसकी जनवरी-मार्च तिमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे।
कंपनी की भविष्य की योजनाओं पर विट्टल ने कहा कि मोबाइल नेटवर्क पर एयरटेल का निवेश कम होगा क्योंकि इसने एक महत्वपूर्ण क्षेत्र को कवर किया है, लेकिन यह घरेलू ब्रॉडबैंड खंड को बढ़ाने की योजना बना रहा है।
पिछले वित्त वर्ष में भारत में कंपनी का पूंजीगत व्यय 33,242 करोड़ रुपये था।
भाषा अनुराग अजय
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