नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) दूरसंचार क्षेत्र में अपना परचम लहराने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) अब हरित ऊर्जा क्षेत्र में अपनी इस सफलता को दोहराने की तैयारी कर रही है।
रिलायंस समूह के चेयरमैन मुकेश अंबानी अगले पांच से सात वर्षों में हरित ऊर्जा क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ने का इरादा रखते हैं।
हरित ऊर्जा क्षेत्र में छह लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताने के बाद अंबानी का कहना है कि रिलायंस इस कारोबार में निवेश बढ़ाएगी। यह कारोबार अगले 12 माह में शुरू हो जाएगा।
आरआईएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अंबानी ने कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में कहा, ‘‘अगले 12 महीनों में हरित ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में हमारा निवेश धीरे-धीरे शुरू हो जाएगा और यह अगले कुछ वर्षों में बढ़ेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह नया ‘वृद्धि का इंजन’ केवल पांच से सात साल में हमारे सभी मौजूदा वृद्धि के इंजनों को पीछे छोड़ सकता है।’’
उल्लेखनीय है कि अंबानी पारंपरिक तेल शोधन और पेट्रोरसायन कारोबार के अलावा अपने व्यापार में विविधता लाने के प्रयास में रिलायंस को स्वच्छ ऊर्जा की ओर ले जा रहे हैं।
रिलायंस सौर ऊर्जा उत्पादन से लेकर हरित हाइड्रोजन के उत्पादन और उसके वितरण तथा खपत तक के पूरी हरित ऊर्जा मूल्य श्रृंखला के लिए गीगा-कारखानों का निर्माण कर रही है।
अंबानी किसी भी कारोबारी बदलाव को जबर्दस्त तरीके से क्रियान्वित करने के लिए जाने जाते हैं। पिछले दशक के दौरान उन्होंने रिलायंस को ऊर्जा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी से उपभोक्ता सेवा क्षेत्र की अग्रणी कंपनी बना दिया है।
अपनी विश्वस्तरीय क्रियान्वयन की क्षमता और कर्ज-मुक्त बही खाते के साथ रिलायंस ने स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में निवेश शुरू कर दिया है।
समूह ने गुजरात के जामनगर के धीरूभाई अंबानी हरित ऊर्जा परिसर में चार गीगा-कारखानों का निर्माण शुरू कर दिया है। नयी ऊर्जा के क्षेत्र में क्षमता निर्माण के लिए कंपनी ने 5,500 करोड़ रुपये से अधिक का अधिग्रहण और निवेश पूरा कर लिया है।
भाषा जतिन अजय
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