scorecardresearch
शनिवार, 17 मई, 2025
होमदेशअर्थजगतब्रिटिश कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदने वालों में टाटा, महिंद्रा, वेलस्पन के बाद भारती भी शामिल

ब्रिटिश कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदने वालों में टाटा, महिंद्रा, वेलस्पन के बाद भारती भी शामिल

Text Size:

नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) भारती एंटरप्राइजेज ने ब्रिटेन की सबसे बड़ी ब्रॉडबैंड तथा मोबाइल कंपनी बीटी समूह में 24.5 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए सोमवार को करीब चार अरब डॉलर का सौदा किया।

यह सौदा नई सदी की शुरुआत के बाद से ब्रिटेन में कंपनियों को खरीदने वाली भारतीय कंपनियों की सूची में नवीनतम है।

ब्रिटेन में कंपनियों का अधिग्रहण करने वाली भारतीय कंपनियों की सूची में नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक के क्षेत्र में काम करने वाली टाटा समूह का दबदबा रहा है। एक अन्य घरेलू समूह महिंद्रा एंड महिंद्रा के साथ-साथ परिधान से लेकर बुनियादी ढांचा क्षेत्र की दिग्गज वेलस्पन तथा टीवीएस भी इस सूची में शामिल हैं।

टाटा टी ने फरवरी, 2000 में ब्रिटेन की सबसे लोकप्रिय चाय तथा दूसरी सबसे बड़े वैश्विक चाय ब्रांड टेटली को 27.1 करोड़ पाउंड में खरीदकर ‘‘ भारतीय कॉरपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा अधिग्रहण’’ किया था। टाटा टी उस समय टेटली से बहुत छोटी थी।

टाटा समूह ने पांच साल तक प्रयास किया और आखिरकार 1995 में उन्हें सफलता मिली जब टेटली को बेचने का निर्णय किया गया और इसे टाटा टी को देने की पेशकश की गई।

इस तरह जनवरी, 2000 में भारतीय कॉरपोरेट परिदृश्य में इतिहास रचा गया जब टेटली, टाटा के अधीन आ गई।

बी के गोयनका की अगुवाई वाली वेलस्पन इंडिया लिमिटेड ने जुलाई, 2006 में ब्रिटेन के प्रमुख टेरी टावल ब्रांड क्रिस्टी की होल्डिंग कंपनी सीएचटी होल्डिंग्स लिमिटेड में 85 प्रतिशत हिस्सेदारी 132 करोड़ रुपये के उद्यम मूल्य पर हासिल की। इसने वेलस्पन समूह को प्रीमियम, हाई-एंड क्रिस्टी ब्रांड के साथ-साथ ब्रिटेन और यूरोपीय बाजारों तक पहुंच प्रदान की जो वैश्विक कंपनी बनने की दिशा में उसका पहला कदम था।

टाटा समूह ने 21वीं सदी के पहले दशक में अपना वैश्विक विस्तार अभियान जारी रखा। टाटा स्टील ने ब्राजील की कंपनी कम्पैनहिया साइदरुर्गिका नैशनल (सीएसएन) के विरुद्ध अधिग्रहण की लड़ाई जीत ली और एंग्लो-डच इस्पात विनिर्माता कोरस ग्रुप पीएलसी को 12 अरब अमेरिकी डॉलर में अधिग्रहीत कर लिया।

टाटा स्टील ने जनवरी, 2007 में यह लड़ाई जीती और उसी साल अप्रैल में अधिग्रहण पूरा कर लिया।

टाटा मोटर्स ने एक वर्ष बाद जून, 2008 में फोर्ड मोटर कंपनी से ब्रिटिश कार विनिर्माता कंपनी जगुआर लैंड रोवर का अधिग्रहण पूर्ण होने की घोषणा की, जिसकी शुद्ध कीमत 2.3 अरब अमेरिकी डॉलर थी। इस सौदे की घोषणा मार्च में की गई थी और यह पूर्णतः नकद लेनदेन था।

रतन टाटा ने इस अधिग्रहण को ‘‘ टाटा मोटर्स में सभी के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण ’’ बताया।

इसके बाद अक्टूबर, 2016 में एक अन्य घरेलू कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ने 34 लाख पाउंड (करीब 28 करोड़ रुपये) में ब्रिटेन स्थित दोपहिया वाहन विनिर्माता बीएसए कंपनी के अधिग्रहण की घोषणा की।

यह अधिग्रहण एमएंडएम की इकाई क्लासिक लीजेंड्स प्राइवेट लिमिटेड के जरिये किया गया। इससे कंपनी बीएसई ब्रांड का लाइसेंस प्राप्त करने और इसका उपयोग वैश्विक स्तर पर मोटरसाइकिल की बिक्री, विपणन व वितरण के लिए कर पाई।

टीवीएस मोटर कंपनी अप्रैल, 2020 में ब्रिटेन स्थित प्रतिष्ठित मोटरसाइकिल विनिर्माता नॉर्टन मोटरसाइकिल्स को 1.6 करोड़ पाउंड में नकद सौदे में अधिग्रहीत करके इस सूची में शामिल हो गई।

भाषा निहारिका अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments