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Thursday, 25 April, 2024
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निर्मला की ‘बेरहम SBI’ टिप्पणी के एक साल बाद असम के लगभग सभी चाय बागानों को मिली बैंकिंग सुविधा

ऐसे में जब असम चुनावों की ओर बढ़ रहा है, राज्य के 300 चाय बाग़ानों को बिज़नेस कॉरेस्पॉण्डेंट्स के माध्यम से बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं. लगभग 90 एटीएम भी लगाए गए हैं.

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नई दिल्ली: असम के क़रीब 300 चाय बाग़ानों को, बिज़नेस कॉरेस्पॉण्डेंट्स के माध्यम से बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं. पिछले साल राज्य के दौरे पर गईं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने चाय बाग़ान मज़दूरों को बैंकिंग सुविधाएं न देने के लिए, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अध्यक्ष को फटकार लगाई थी.

इसके अलावा, इन इलाक़ों में लगभग 90 एटीएम भी लगाए गए हैं और बैंकिंग उद्योग के सूत्रों का कहना है कि चालू महीने के अंत तक 30 और एटीएम लगा दिए जाएंगे.

पिछले कुछ सालों में, मोदी सरकार ने उत्तर-पूर्वी राज्यों पर अपना फोकस बढ़ा दिया है और बैंकों से कहा है कि सरकार की स्कीमों और कल्याणकारी योजनओं जैसे कि पीएम जन धन योजना, पीएम-किसान स्कीम तथा केंद्र की ओर से पेश की गई बीमा स्कीमों का बेहतर कार्यान्वयन सुनिश्चित करें.

महामारी और लॉकडाउन के बावजूद, वित्तीय समावेशन को ज़बर्दस्त बढ़ावा ऐसे समय में दिया जा रहा है, जब भारतीय जनता पार्टी राज्य में सत्ता वापसी की कोशिश कर रही है. असम में तीन चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव, 27 मार्च को शुरू हो रहे हैं.

फरवरी 2020 में अपने दौरे के दौरान, सीतारमण ने तत्कालीन एसबीआई अध्यक्ष रजनीश कुमार को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि बैंक चाय बाग़ान श्रमिकों के उन बैंक खातों को संचालित करने में नाकाम रहा था, जिन्होंने ‘अपने ग्राहक को जानो’ (केवाईसी) नियमों का अनुपालन नहीं किया था. इसकी वजह से राज्य सरकार नोटबंदी के बाद कुल 8 लाख चाय बाग़ान श्रमिकों के 30 प्रतिशत या क़रीब 2.5 लाख बैंक खातों में 2,500 रुपए ट्रांसफर नहीं कर पाई थी.

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सीतारमण ने बैंक को ‘बेरहम’ और ‘निकम्मा’ क़रार दिया था और एसबीआई से कहा था कि चाय बाग़ान श्रमिकों के लिए, बैंकिंग सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं.

एसबीआई असम में राज्य-स्तरीय बैंकर्स कमेटी का अध्यक्ष है.


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पिछले एक वर्ष में क्या हुआ

राज्य सरकार की वेबसाइट के अनुसार सूबे में तक़रीबन 800 चाय बाग़ान हैं, जिनमें लाखों लोग काम करते हैं. पिछले साल फरवरी तक ऐसे 330 चाय बाग़ान चिन्हित किए गए थे, जिनकी पहुंच बैंकिंग सुविधाओं तक नहीं थीं.

अभियान तब शुरू हुआ जब असम सरकार ने सूबे के ऊपरी, उत्तरी और नदी किनारे के क्षेत्रों में, बड़ी संख्या में ऐसे चाय बाग़ानों को चिन्हित किया, जिनके पास बैंकिंग सुविधाएं नहीं थीं. सरकार ने कहा कि चाय बाग़ान असम के 21 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र में फैले हुए हैं, लेकिन उनके नज़दीक एटीएम या बैंक शाखाएं मौजूद नहीं हैं. सरकार ने इस मुद्दे को राज्य-स्तरीय बैंकर्स कमेटी में भी उठाया.

राज्य के एक बैंकर ने, जो अपना नाम नहीं बताना चाहते थे, कहा, ‘आमतौर से हर चाय बाग़ान का एक प्रमुख बैंकर होता है, जहां उनके खाते रखे जाते हैं. लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि वहां पास में कोई शाखा या एटीएम मौजूद होगा’.

उन्होंने आगे कहा, ‘राज्य सरकार ने कहा था कि पास में कोई एटीएम या बैंक शाखा नहीं हैं. फरवरी 2020 में वित्तमंत्री के पिछले दौरे के बाद से, बैंकों ने चाय बाग़ान श्रमिकों के लिए बैंकिंग सुविधाओं तक पहुंच को सुधारने की दिशा में क़दम उठाए हैं’.

बैंकर ने कहा कि इतने बड़े भौगोलिक क्षेत्र में बैंक शाखाएं स्थापित करना वित्तीय रूप से संभव नहीं है. इसलिए बिज़नेस कॉरेस्पॉण्डेंट्स का इस्तेमाल करते हुए ये कवरेज की गई है.

बैंकर ने ये भी कहा, ‘इसी तरह, एटीएम कवरेज के लिए राज्य सरकार ने जो 118 जगहें चिन्हित की हैं, उनमें से 80 स्थिर एटीएम हैं और क़रीब 10 मोबाइल एटीएम तैनात किए गए हैं. बाक़ी बची जगहों को इस महीने के आख़िर तक कवर कर लिया जाएगा’.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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