नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) चार्टर्ड अकाउंटेंट के शीर्ष निकाय आईसीएआई ने शुक्रवार को कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के साथ सीए फर्मों के जुड़ाव से शीर्ष लेखा परीक्षक की स्वतंत्रता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) की यह टिप्पणी मदुरै के सांसद एस वेंकटेशन द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखे जाने के बाद आई है। वेंकटेशन ने केंद्रीय स्वायत्त निकायों की लेखा परीक्षा के लिए सीए फर्मों को साथ जोड़ने की कैग की योजना पर आपत्ति जताई है।
आईसीएआई ने एक विस्तृत बयान में कहा कि कैग द्वारा सीए फर्मों को जोड़ना किसी भी तरह से इसकी स्वतंत्रता या संवैधानिक कार्य से समझौता नहीं है।
इसने कहा, “यह प्रभावी कवरेज, डोमेन-विशिष्ट ऑडिट गुणवत्ता और समय पर ऑडिट निष्पादन सुनिश्चित करने के लिए एक रणनीतिक कदम है।”
बयान के मुताबिक, कैग का यह कदम आईसीएआई के ढांचे में निहित पेशेवर मानकों और नैतिक सुरक्षा उपायों द्वारा पूरी तरह से समर्थित है। इस योजना से संगठन (कैग) की क्षमता निर्माण में योगदान मिलने की भी उम्मीद है।
तीन जून को राष्ट्रपति को लिखे पत्र में सांसद ने दावा किया कि यह कदम कैग की स्वतंत्रता और संविधान द्वारा परिकल्पित सिद्धांतों को कमजोर करता है।
बृहस्पतिवार को उप नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (वाणिज्यिक) आनंद मोहन बजाज ने कहा था कि केंद्रीय स्वायत्त निकायों की लेखा परीक्षा के लिए सीए फर्मों को काम पर रखने से लेखा परीक्षा प्रक्रिया मजबूत होगी।
भाषा अनुराग प्रेम
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