नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) अडाणी पावर महाराष्ट्र लि. (एपीएमएल) ने महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लि. (एमएसईडीसीएल) को पत्र लिखकर 10,135 करोड़ रुपये के भुगतान की मांग की है।
एपीएमएल ने यह राशि बिजली की आपूर्ति के एवज में उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद मांगी है। न्यायालय ने बकाया राशि का कम-से-कम 50 प्रतिशत बिजली कंपनी को देने का निर्देश दिया है।
कंपनी ने उच्चतम न्यायालय के 31 जनवरी, 2022 के आदेश का जिक्र करते हुए कहा है कि महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लि. को बकाया राशि का 50 प्रतिशत एपीएमएल को चार सप्ताह में देने की जरूरत है।
एक फरवरी, 2022 को लिखे पत्र में कहा गया है, ‘‘हम आपसे अनुरोध करते हैं कि 28 फरवरी, 2022 को या उससे पहले बकाया दावा राशि का 50 प्रतिशत यानी 10,135 करोड़ रुपये जारी करें और न्यायालय के आदेश का पालन करें।’’
शीर्ष अदालत ने वितरण कंपनियों का बकाया बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचने पर गौर करते हुए सोमवार को कहा कि अगर सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली वितरण कंपनियां बिजली उत्पादकों को तत्काल भुगतान नहीं करती हैं, उत्पादन बंद हो जाएगा और कोई बिजली नहीं होगी।
मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन और न्यायाधीश एस एस बोपन्ना और न्यायाधीश हिमा कोहली ने एपीएमएल की याचिका पर एमएसईडीसीएल को बकाया का 50 प्रतिशत भुगतान कंपनी को करने को कहा।
भाषा
रमण अजय
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