नई दिल्ली: मंगलवार को जारी एक जारी रिपोर्ट के अनुसार, अडानी समूह ने 30 अप्रैल, 2022 से 30 अप्रैल, 2023 तक छह महीने की अवधि में अपने बाजार मूल्य में लगभग 52 प्रतिशत या 10.25 लाख करोड़ रुपये से 9.54 लाख करोड़ रुपये की भारी गिरावट देखी गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में शीर्ष 500 गैर-सरकारी स्वामित्व वाली फर्मों के मूल्य में 6.4 प्रतिशत की मामूली कमी दर्ज की गई है.
जनवरी में, अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह द्वारा कॉर्पोरेट कदाचार (Corporate Malpractice), स्टॉक मूल्य हेरफेर और धोखाधड़ी किए जाने का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट जारी की. विवादास्पद रिपोर्ट के बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयर मूल्यों में गिरावट दर्ज की गई.
बरगंडी प्राइवेट – एक्सिस बैंक के प्राइवेट बैंकिग बिजनेस और रिसर्च फर्म ह्यूरन इंडिया – द्वारा जारी ‘बरगंडी ह्यूरन इंडिया 500 – स्पेशल रिपोर्ट’ ने भारत में 500 सबसे मूल्यवान गैर-राज्य-स्वामित्व वाली कंपनियों को उनकी कीमतों में परिवर्तन के आधार पर सूचीबद्ध किया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी सूची की शीर्ष 500 कंपनियों का मूल्य 227 लाख करोड़ रुपये से मामूली रूप से घटकर 212 लाख करोड़ रुपये रह गया. अडानी समूह की आठ कंपनियां का हिस्सा 500 शीर्ष कंपनियों के कुल मूल्य का 4.5 प्रतिशत है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी टोटल गैस ने रिव्यू वाली अवधि के दौरान टॉप 10 से बाहर हो गए. आगे रिपोर्ट में कहा गया कि अडानी टोटल गैस को 73.8 प्रतिशत (लगभग 2,92,511 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ और यह 1,03,734 करोड़ रुपये के मूल्य पर पहुंच गया. जबकि इस अवधि के दौरान अडानी ट्रांसमिशन में 69.2 प्रतिशत और अदानी ग्रीन एनर्जी में 54.7 प्रतिशत की गिरावट देखी गई.
रिपोर्ट के अनुसार, टाटा समूह अपनी 15 कंपनियों के संयुक्त बाजार पूंजीकरण के साथ 20.97 लाख करोड़ रुपये के साथ सबसे मूल्यवान औद्योगिक समूहों की सूची में सबसे ऊपर है, इसके बाद अडानी समूह, आदित्य बिड़ला समूह, मुरुगप्पा समूह, बजाज समूह, जिंदल समूह, टीवीएस समूह, गोदरेज समूह और राजन रहेजा समूह हैं.
ह्यूरन इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने एक बयान में कहा, “हम एक साथ कई तरह की घटनाएं देख रहे हैं, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया भर में मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ रहा है, केंद्रीय बैंक अपनी प्रमुख उधार दरों में वृद्धि कर रहे हैं और स्टार्टअप्स के लिए विंटर फंडिंग कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में, बरगंडी प्राइवेट ह्यूरन इंडिया 500 – स्पेशल रिपोर्ट में शामिल कंपनियों ने पिछले छह महीनों में 6.4 प्रतिशत की मामूली गिरावट का अनुभव किया.
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‘मुंबई के टॉप 10 में 7’
500 कंपनियों में से 287 के कुल मूल्य में गिरावट आई, जबकि 14 स्थिर रहीं और 24 सूची से बाहर हो गईं. शीर्ष 10 कंपनियों का संयुक्त मूल्य 71.4 लाख करोड़ रुपये पर स्थिर रहा, जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद के 37 प्रतिशत के बराबर है. दिलचस्प बात यह है कि शीर्ष 10 कंपनियों में से सात का मुख्यालय मुंबई में है.
16.3 लाख करोड़ रुपये के मूल्य के साथ (पिछली सूची से लगभग 5 प्रतिशत की गिरावट के बाद), रिलायंस इंडस्ट्रीज भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी के रूप में उभरी, इसके बाद टीसीएस (0.7 प्रतिशत बढ़कर 11,76,385 करोड़ रुपये), एचडीएफसी बैंक (12.9 प्रतिशत से 9.41 लाख करोड़ रुपये), आईसीआईसीआई बैंक (1.4 प्रतिशत से 6.41 लाख करोड़ रुपये) और आईटीसी (22.5 प्रतिशत से 5,29,682 करोड़ रुपये) का स्थान रहा.
गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में, सूची में सबसे मूल्यवान कंपनी, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, 13 प्रतिशत घटकर 1,92,000 करोड़ रुपये रह गई, इसके बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (18.7 प्रतिशत बढ़कर 1,65,300 करोड़ रुपये), BYJU’s (62 प्रतिशत से 69,100 करोड़ रुपये), ड्रीम 11 (0.6 प्रतिशत से 65,800 करोड़ रुपये तक) और रेज़रपे (0.6 प्रतिशत से 61,700 करोड़ रुपये) रह गया. सूची में छठे नंबर पर मौजूद स्विगी का मूल्य 34 प्रतिशत घटकर 58,400 करोड़ रुपये रह गया.
बरगंडी प्राइवेट ह्यूरन इंडिया 500 सूची की कंपनियां 15 राज्यों में हैं जिनमें महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु शीर्ष तीन राज्य व इसके बाद दिल्ली, हरियाणा और गुजरात हैं. शहर के अनुसार, मुंबई में 155 कंपनियां हैं, इसके बाद बेंगलुरु में 62 कंपनियां, नई दिल्ली ने 40 कंपनियां और चेन्नई में 39 कंपनियां हैं.
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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