(अम्मार जैदी)
खावड़ा/अहमदाबाद, सात अप्रैल (भाषा) अडाणी समूह भारत के सबसे महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार और सौर एवं पवन विनिर्माण क्षमता वृद्धि में 2030 तक लगभग 2.3 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगा।
कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि देश की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड गुजरात में कच्छ के खावड़ा में सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा से बिजली पैदा करने की क्षमता को वर्तमान में दो गीगावाट से बढ़ाकर 30 गीगावाट करने के लिए लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
कंपनी देश में अन्य जगहों पर छह-सात गीगावाट की इसी तरह की परियोजनाओं में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की इकाई अडाणी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड (एएनआईएल) गुजरात के मुंद्रा में सौर सेल और पवन टरबाइन विनिर्माण क्षमता के विस्तार में करीब 30,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
एजीईएल के पास फिलहाल 10,934 मेगावाट (10.93 गीगावाट) का परिचालन पोर्टफोलियो है। एजीईएल 2030 तक 45 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य रख रही है। इसमें से 30 गीगावाट क्षमता सिर्फ एक स्थान खावड़ा में दुनिया की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना से आएगी।
एजीईएल के प्रबंध निदेशक विनीत एस जैन ने कहा, “हमने अभी खावड़ा में 2,000 मेगावाट (दो गीगावाट) क्षमता चालू की है और चालू वित्त वर्ष (2024-25) में चार गीगावाट और उसके बाद हर साल पांच गीगावाट जोड़ने की योजना है।”
जैन एएनआईएल के भी निदेशक हैं।
उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का समर्थन करने के साथ-साथ अन्य घरेलू नवीकरणीय कंपनियों और निर्यात बाजार की जरूरतों को पूरा करने के लिए एएनआईएल ने मुंद्रा में अपनी सेल और मॉड्यूल विनिर्माण इकाई को मौजूदा चार गीगावाट से 2026-27 तक 10 गीगावाट करने की योजना बनाई है।
उन्होंने कहा कि एएनआईएल सौर विनिर्माण के अलावा पवन से बिजली पैदा करने वाली पवन चक्कियां बनाने की क्षमता भी साढ़े तीन साल में दोगुनी कर पांच गीगावाट कर रही है।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय
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